जांजगीर-चांपा। दो साल पहले 240 करोड़ की लागत से बनी एनएच 49 की सड़क अभी से जवाब देने लगी है। इस सड़क में हर चार कदम में दरारें पडऩे लगी है। इसके चलते इस सड़क में ठेकेदार लगातार मरम्मत की लेप लगा रहा है। बावजूद सड़क में दरारें कम होने का नाम नहीं ले रहा है। इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि सड़क निर्माण में ठेकेदार ने मानकों का पालन कितना किया है। यही वजह है कि सड़क लगातार खराब होते दिखाई दे रही है। गौरतलब है कि दो साल पहले एनएच 49 की सड़क 240 करोड़ की लागत से बनी है। इस सड़क में लगातार दरारें आने लगी है। इसके चलते आवागमन में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। निर्माण को लेकर लगातार ठेकेदार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। हालांकि एनएच 49 के अधिकारी नियम एवं शर्तों के तहत चार से पांच साल तक मेंटेनेंस के लिए ठेकेदार पर दबाव बना रहा है लेकिन सड़क इतनी घटिया बनी है कि हर चार कदम में आपको करातें दिखाई पड़ेगी। जिस पर लीपापोती के लिए ठेकेदार के कर्मचारी करा रहे हैं और जहां-जहां लगातर डटे हुए हैं। इन दिनों एनएच 49 में अफरीद से घठोली चौक के बीच मरम्मत का काम जारी है। इसके लिए सड़क के किनारे डामर पिघलाने के लिए चूल्हे का इस्तेमाल किया जा रहा है। डामर के साथ साथ रेत को मिलाकर लीपापोती की जा रही है। लोगों ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार रही तो राज्य सरकार की एवम समय में सड़क नहीं बना पाने से ठेकेदार सुभाष अग्रवाल पर सरकार ने 24 करोड़ की पेनाल्टी लगाई थी। आनन-फानन में सड़क का निमार्ण किया जा रहा है जबकि गुणवत्ता को देखकर ही बताया जा सकता है कि यह गुणवत्ता हैं कार्य किया गया है बावजूद इसके ठेकेदार के ऊपर अधिकारी वर्ग ठोस कार्रवाई करने के लिए तैयार नहीं है और अधिकारियों की परवाह किए बगैर ठेकेदार उनके निर्देशों का भी पालन नहीं कर रहा है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक सड़क निर्माण होने के बाय ठेकेदार को कार से पांच साल तक मरम्मत करानी होती है। जब शुरुआती दौर में सड़क कर यह हाल है तो आने केले पांच साल में सड़क का क्या होगा सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। यानी चार पांच साल के बाद सड़क की सूरत बिगड़ी तो इसे दोबारा बनानी पड सकती है।