जांजगीर-चांपा। नौकरी की मांग को लेकर मड़वा भू विस्थापितो का आंदोलन 25वें दिन भी जारी रहा। भू विस्थापित मड़वा पॉवर प्लांट के मुख्य द्वार के पास धरना प्रदर्शन कर रहे है। वहीं अब ई भू विस्थापित क्रमिक भूख हडताल पर बैठे गए है।
मड़वा ताप विद्युत कामगार एवं का भू-विस्थापित श्रमिक संघ एटक द्वारा अटल बिहारी बाजपेयी ताप विद्युत संयंत्र में अधिग्रहित भूमि के = भू-विस्थापितों को नौकरी दो की मांग को लेकर 14 अक्टूबर से मड़वा प्लांट प्रवेश द्वार चौक, दर्राभांठा, चांपा पर चरणबद्ध अनिश्चित कालीन हड़ताल चल रही है। ताप विद्युत संयंत्र परियोजना आयी तब 2007 में ग्राम मड़वा- तेन्दुभांठा के किसानों से उनकी सिंचित भूमि को बहुत ही कम 3 लाख 64 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर पर खरीदी की गई थी। पुनर्वास नीति 2007 के लाभ के तहत भू-विस्थापित खातेदार एवं सह खातेदार को नौकरी देने की एवं जब तक नौकरी
नहीं दिया जाता है उस स्थिति में पुनर्वास नीति के तहत जीवन निर्वहन भत्ता मनरेगा के बढ़ते क्रम में देने की सहमति बनी थी, परन्तु अभी तक भू-विस्थापितों को ना ही नौकरी दी गई है और ना ही जीने के लिए जीवन निर्वहन भत्ता दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ विद्युत मंडल के द्वारा मड़वा – तेन्दुभांठा गोदनामीत ग्राम को बिजली, पानी, सडक़, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं नौकरी के लिए प्रशिक्षण की सुविधा नि:शुल्क देने की सहमति भी तीनों पक्षकारों के बीच सहमति बनी थी। इन्हीं मुद्दों को लेकर भू-विस्थापितों के द्वारा किया जा रहा अनिश्चित कालीन हड़ताल अपने हक अधिकार की लड़ाई है जो लड़ रहे हैं। हड़ताल को 25 दिन हो गया है पर शासन, प्रशासन एवं छग.
राज्य विद्युत मंडल उनकी उचित मांग को संज्ञान नही ले रहे हैं। जिससे भू-विस्थापितों में आक्रोश व्याप्त के कारण ही अब भू- विस्थापितों के द्वारा चरणबद्ध अनिश्चित कालीन हड़ताल जारी है। शुक्रवार 8 नवंबर को भी हड़तारी जारी रहा। इस आगमी चरण में किसी भी भू-विस्थापितों व उनके परिवारों में कोई अप्रिय घटना घटती है उसकी सारी जिम्मेदारी शासन, प्रशासन विद्युत प्रबंधन की होगी। क्रमिक भूख हड़ताल के पहले दिन सुधीर यादव जिलाध्यक्ष एटक, संगठन संरक्षक भू-विस्थापित शिव प्रसाद बरेठ, लोचन साहू सहित अन्य भू विस्थापित शामिल रहे। इनकी मांग है कि भूविस्थापितों को जल्द से जल्द नौकरी दी जाए।