जांजगीर-चांपा। जिले में समर्थन मूल्य पर हो रही धान खरीदी गड़बड़ी व अनियमितता रोकने के तमाम प्रयासों के बावजूद किसान ना केवल परेशान हो रहे है, बल्कि उनके पसीने की कमाई पर डाका डालने का काम भी हो रहा है। हद तो तब हो जाती है जब शिकायत पर से हुई जांच में मिली खामियों के बावजूद जिम्मेदारों पर कार्रवाई नहीं होती। ताजा मामला अकलतरा ब्लाक के कोटगढ़ धान खरीदी केन्द्र का है। यहां जांच में निर्धारित मात्रा में बेवजह परेशान करने की बात सामने आई। बावजूद इसके कार्रवाई नहीं हुई है।
गौरतलब है कि अकलतरा ब्लाक अंतर्गत धान खरीदी केन्द्र कोटगढ़ में किसानों ने वहां खरीदी में निर्धारित मात्रा से अधिक धान लेने सहित अन्य शिकायतें की थी। कलेक्टर के दिए गए हस्ताक्षर युक्त शिकायत पत्र में किसानों ने बताया था कि कोटगढ़ खरीदी केन्द्र में 40 की जगह 41 और 42 किलो तक धान लिया जा रहा है। इतना ही नहीं तौल पत्रक देने के समय किसानों से 4 से 5 बोरी धान अतिरिक्त लिया जाता था। इसके लिए उन्होंने निर्धारित मात्रा से 4-5 बोरी कम का तौल पत्रक देने का नया तरीका निकाल लिया था। इस शिकायत पर उप पंजीयक सेवा सहकारी संस्थाएं के यहां से सहायक विस्तार अधिकारी के साथ एक टीम जांच के लिए 8 जनवरी को कोटगढ़ पहुंची। मौके पर पहुंची टीम ने किसानों के बयान लिए। बताया जाता है कि बयान में किसानों ने केन्द्र प्रभारी पर अतिरिक्त धान लेने सहित गंभीर आरोप लगाए। इसके बाद मौके पर तौल किए गए धान का फिर से तौल कराया गया, उसमें भी निर्धारित मात्रा से अधिक धान मिला। पूरी कार्रवाई का पंचनामा रिपोर्ट तैयार किया गया। इसके बाद प्रतिवेदन देने के उपरांत कार्रवाई की बात कही गई, लेकिन सप्ताह भर बीत गए और कार्रवाई का कही कोई अता पता नहीं है।
लुट रहे किसान बेपरवाह प्रशासन
जीरो टारलेंस का टारगेट लेकर चल रहे। प्रदेश के मुख्यमंत्री यमंत्री विष्णुदेव साय ने धान खरीदी में गड़बड़ी रोकने के साथ किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होने के सख्त निर्देश अफसरों को दिए है। बावजूद इसके कृषि प्रधान जांजगीर चांपा जिले में धान खरीदी की बदतर व्यवस्था से ना केवल कसान परेशान हो रहे है, बल्कि उनसे अधिक धान भी लिया जा रहा है। इसके अलावा बारदाना पाने से लेकर तौल तथा तौल पत्रक पाने व राशि आहरण तक उन्हें अपनी जेबे दीली करनी पड़ती है। वहीं जिम्मेदार अधिकारी अंजान बने हुए है।
किसान हो रहे प्रताडि़त
कोटगढ़ धान खरीदी केल्य में निर्धारित मात्रा से अधिक धान लेने और तौल पत्रक देने के समय 4-5 बोरी धान कम करके पत्रक देने की शिकायत करने वाले किसान अब प्रताडि़त हो रहे है। शिकायत करता किसानों ने बताया कि जांच टीम के सामने जिन्होंने भी इसकी गड़बड़ी उजागर की थी, वे समी अब निशाने पर है। उनका धान यदि आ रहा है तो उन्हें प्रताडि़त किया जा रहा है। इतना ही नहीं इसकी आड़ में बाकी किसानों से भी खरीदी सही तरीके से होने की बात कागज में लिखवाकर हस्ताक्षर ली जा रही है। किसनों ने बताया कि कार्रवाई नहीं होने पर हौसले बुलंद होते जा रहे है और किसान प्रताडि़त हो रहे है।