जांजगीर-चांपा। समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों को ऐड़ी चोटी का जोर लगाना लग रहा है। जिले में इस बार खरीदी केन्द्रों में इस कदर अव्यवस्था है जिससे ना केवल किसानों को तौल कराने में परेशानी हो रही है, बल्कि आवक टोकन लेने में भी 15 दिन से लेकर माह भर बाद का समय मिल रहा है। इसके अलावा उठाव नहीं होने से केन्द्रों में भी जाम की स्थिति बनी हुई है।
गौरतलब है कि राज्य शासन द्वारा इस बार समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की शुरूआत 14 नवंबर से प्रारंभ की गई है। वहीं जिम्मेदार विभाग के साथ प्रशासन की लापरवाही और उदासीनता के चलते किसानों को शुरूआती दिनों से ही परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वर्तमान में जिले के 129 केन्द्रों में से अधिकांश जगहों पर धान बेचने वाले किसान आवक टोकन को लेकर भारी परेशान है। किसानों के मुताबिक टोकन कटवाने पर तौल के लिए 15 जनवरी के बाद का समय मिल रहा है। ऐसे में खेत खलिहान में किसानों का धान पड़ा हुआ है और टोकन में दर्ज तिथि के अनुसार धान बेचने के लिए वे अपनी बारी आने का इंतजार कर रहे है। समस्या यही खत्म नहीं होती, इसके बाद फड़ पर धान ले जाकर बारदाना प्राप्त करने और तौल कराने में भी किसानों को ऐड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ता है। इसके अलावा जिले में अभी तक तकरीबन 18 लाख क्विंटल से अधिक की धान खरीदी हो चुकी है। जिसमें से कुछ हजार क्विंटल धान का उठाव ही हो पाया है। ऐसे में अधिकतर केन्द्रों में खरीदे गए धान का अंबार लगा हुआ है। उल्लेखनीय है कि धान खरीदी को शुरू हुए महीने भर से अधिक हो गए है और शुरूआत के दिनों से ही किसानों को जिस तरह की परेशानी हो रही है, उसका समाधान होना तो दूर उल्टे परेशानी और भी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। केन्द्रों में जब तौल की शुरूआत ही नहीं हुई थी, तब आवक टोकन दर्ज करवाने वाले किसानों को पखवाड़े भर बाद का समय मिलता था। इसके बाद खरीदी में जैसे ही गति आने लगी, आवक टोकन लेने पर अब 15 से बढक़र महीने भर बाद का समय मिलने लगा है। इस तरह की स्थिति में किसान भारी परेशान हो रहे है।