जांजगीर चांपा। नगर में भोजपुरी समाज के अलावा सभी वर्गों के लोगों विशेषकर महिलाओं द्वारा सूर्य उपासना के महापर्व छठ के तीसरे दिन गुरूवार 7 नवम्बर को सायं 5 बजे लछनपुर स्थित छठ घाट के अलावा हसदेव नदी के तट पर स्थित डोंगाघाट सहित तालाबों में डूबते हुए सूर्य को पहला अघ्र्य दिया गया। कल शुक्रवार 8 नवम्बर को सुबह 6 बजे लछनपुर स्थित छठ घाट सहित डोंगाघाट एवं अन्य जगहों पर उदित होते सूर्य को अंतिम अघ्र्य देकर चार दिवसीय छठ महापर्व का समापन किया गया।
नगर में पिछले कुछ वर्षों से सूर्य उपासना का महापर्व छठ भोजपुरी समाज के अलावा उत्तर प्रदेश एवं बिहार के पूर्वांचल के लोगों सहित अन्य समाज के लोगों द्वारा भी पूरी आस्था के साथ श्रद्धापूर्वक मनाया जा रहा है। इस वर्ष भी चार दिवसीय छठ महापर्व का शुभारंभ 5 नवम्बर को नहाय-खाय के साथ हुआ। पर्व के दूसरे दिन 6 नवम्बर को छठव्रतियों ने गुड़ की खीर और रोटी के साथ खरना का प्रसाद ग्रहण किया। छठ महापर्व के तीसरे दिन गुरूवार 6 नवम्बर को सायं 5 बजे लछनपुर स्थित छठ घाट तथा डोंगाघाट सहित तालाबों के घाटों में डूबते हुए सूर्य को छठव्रतियों ने पहला अघ्र्य दिया। पर्व के अंतिम दिन शुक्रवार 8 नवम्बर को सुबह 6 बजे उदित होते सूर्य को अंतिम अघ्र्य देने के साथ ही छठ महापर्व का समापन हो गया। गुरूवार को सायं छठ घाट में छठव्रतियों को पर्व की बधाई एवं शुभकामनाएं प्रदान करने के लिए क्षेत्रीय सांसद श्रीमती कमलेश जांगड़े विशेष रूप से मौजूद थीं।
उन्होंने इस मौके पर छठ घाट का एनीकट तक विस्तार किये जाने और इसके सौंदर्याकरण के लिए घाट के किनारे सोलर लाईट लगाये जाने का आश्वासन दिया। इस मौके पर भोजपुरी समाज जांजगीर-चांपा के संस्थापक जिलाध्यक्ष सत्येन्द्र सिंह, अध्यक्ष सुशील सिंह, कार्तिकेश्वर स्वर्णकार,अमर सुल्तानिया, पुरूषोत्तम शर्मा, श्रीमती प्रमिला चंदेल, पलाश चंदेल, बी.के. दास, संतोष सिंह, शिव शंकर झा, विनोद सिंह, सुधीश तिवारी, घनश्याम शुक्ला, राजकुमार सरोज, एस. के. सिंह, डी.एन. सिंह, संजय सिंह, हरेन्द्र सिंह, रामकृत राजभर सहित बड़ी संख्या में भोजपुरी समाज की महिलाएं, पुरूष तथा बच्चे उपस्थित थे।