सक्ती । छत्तीसगढ़ की नई कस्टम मिलिंग से राइस मिलर्स में नाराजगी है। इसको लेकर मिलरों ने 20 नवंबर को कलेक्टर टोपनो एवं विपणन अधिकारी को ज्ञापन सौंपा और कहा कि न पंजीयन करेंगे और न ही बारदाना जमा करेंगे। मिलरों की नाराजगी को देखते हुए जिले में कस्टम मिलिंग का काम प्रभावित हो सकता है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश की विष्णु देव सरकार ने पिछले दिनों कैबिनेट की बैठक आयोजित कर छत्तीसगढ़ प्रदेश में राइस मिलो के लिए नई कस्टम मिलिंग को अपनी स्वीकृति प्रदान की है किंतु विडंबना यह है कि प्रदेश में नई कस्टम मिलिंग नीति लागू होते ही प्रदेश में इसका जबरदस्त विरोध चालू हो गया है। राइस मिलर जहां इस कस्टम नई कस्टम मिलिंग की नीति को त्रुटि पूर्ण बता रहे हैं तो वहीं जिस तरह से पूरे प्रदेश में राइस मिलर इस कस्टम मिलिंग की नई नीति को लेकर सडक़ों पर उतरकर विरोध करने का मन बना रहे हैं तो वहीं ठीक प्रदेश में नई खरीफ सत्र के लिए धान खरीदी प्रारंभ हो चुकी है एवं यदि ऐसी स्थिति में राइस मिलर पंजीयन नहीं करवाएंगे। बारदाना जमा नहीं करेंगे तो आखिरकार समितियों में खरीदा जाने वाला धान कहां जाएगा, कहां जमा होगा और कहां इसकी मिलिंग होगी, इस बात को लेकर सवालिया निशान लग गया है। जिले के जिला चावल उद्योग संघ के 10 सदस्यों ने भी 19 नवंबर को हटरी धर्मशाला में बैठक आहूत कर छत्तीसगढ़ प्रदेश राइस मिल एसोसिएशन के निर्देश पर इस पूरे विषय पर चर्चा करते हुए निर्णय लिया तथा 20 नवंबर को जिला चावल उद्योग संघ सक्ती के सदस्यों नेकलेक्टर अमृत विकास टोपनो एवं जिला विपणन अधिकारी शोभना तिवारी के कार्यालय में पहुंचकर उन्हें अपने विरोध का ज्ञापन सौंप दिया है। साथ ही ज्ञापन की कापी जिला खाद्य अधिकारी को भी दी गई है।