जम्मू। अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अक्सर सर्दियों में धुंध की आड़ में आतंकी घुसपैठ का षड्यंत्र रचते हैं, लेकिन विंटर मैनेजमेंट स्ट्रेटेजी (सर्द प्रबंधन रणनीति) प्रभावी होने से आतंकी अब सुरक्षाबल और आधुनिक उपकरणों की नजर से बच नहीं पाएंगे। यह रणनीति घुसपैठ करने वाले आतंकियों पर कड़े प्रहार के लिए बनाई है। सीमा पर जवानों को स्पष्ट निर्देश हैं कि कोहरे की आड़ में सीमा के पास आने वाले दुश्मन को गोली मार दी जाए।नियंत्रण रेखा पर भारी हिमपात के बाद आतंकी जम्मू में धुंध से घिरे मैदानी इलाकों में घुसपैठ की कोशिश करते हैं। धुंध में किसी को देखना संभव नहीं होता। सुरंग खोद कर घुसपैठ करने का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे में सीमा की सुरक्षा ऑडिट के बाद सुरक्षा की कमियां दूर करने के साथ फेंसिंग के हर हिस्से पर अतिरिक्त नाके लगाए हैं। सर्दियों की चुनौतियों से निपटने के लिए सेना, बीएसएफ व पुलिस बेहतर समन्वय बनाकर काम कर रहे हैं। एंटी ड्रोन तकनीक के साथ कई आधुनिक उपकरण शामिल कर तकनीकी सर्विलांस को बेहतर बनाया है। सभी बटालियनें अपने-अपने स्तर पर एंटी टनल अभियान चला रही हैं। जम्मू में 202 किमी अंतरराष्ट्रीय सीमा है। इसमें से 192 किमी सीमा सुरक्षा बल व अखनूर में 10 किलोमीटर सेना के पास है।