नईदिल्ली, १७ सितम्बर । संसद का विशेष सत्र 18 दिसंबर, सोमवार से शुरू होने जा रहा है। पांच दिन के इस सत्र को लेकर विपक्षी खेमे में पहले से बेचैनी है। इस बीच, रविवार का दिन इस लिहाज से अहम होने जा रहा है कि आज संसद के नए भवन पर पहली बार तिरंगा फहराया गया। भारत के उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ संसद के विशेष सत्र से एक दिन पहले आज नए संसद भवन पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इस कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के साथ ही दोनों सदनों में राजनीतिक दलों के नेता शामिल हुए। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे नए संसद भवन में ध्वजारोहण समारोह के दौरान उपस्थित नहीं रहे। खरगे अभी हैदराबाद में हैं जहां नवगठित कांग्रेस कार्यसमिति की दो दिवसीय बैठक चल रही है। कांग्रेस अध्यक्ष ने शनिवार को राज्यसभा महासचिव प्रमोद चंद्र मोदी को पत्र लिखकर समारोह में देर से निमंत्रण देने पर निराशा व्यक्त की। संसद की नई इमारत गज द्वार पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के दौरान मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी की अनुपस्थिति पर कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा, अगर मैं भी यहां उपयोगी नहीं हूं, तो मुझे बताएं मैं चला जाऊंगा। उन पर ध्यान केंद्रित करें जो यहां मौजूद हैं। मैं यहां हूं, क्या मीडिया के लोगों के लिए ये काफी नहीं है। संसद सत्र से एक दिन पहले सरकार ने रविवार शाम को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। माना जा रहा है कि बैठक में संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र की एजेंडा साफ किया जाएगा। यह बैठक शाम 4.30 बजे से होगी। जब से सरकार ने संसद के विशेष सत्र का ऐलान किया है, तब से विपक्ष असहज है और बार-बार सरकार से यह बताने की मांग कर रहा है कि इस दौरान किन विशेष विधेयकों पर चर्चा होगी। सरकार द्वारा बुलाए गए संसद विशेष सत्र के एजेंडे पर कई दिनों तक अटकलों का बाजार गर्म रहा। बाद में एक संसदीय बुलेटिन में सरकार की ओर से कहा गया कि दोनों सदन पहले दिन संसद की 75 साल की यात्रा पर चर्चा करेंगे। संसद सत्र के लिए कामकाज की अस्थायी सूची में मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पर विचार और पारित होने के लिए विधेयक शामिल हैं।