अकलतरा। अकलतरा बिलासपुर रोड के मुख्य मार्ग में स्थित ग्राम अर्जुनी के शासकीय प्राथमिक शाला बौहापारा सरकारी स्कूल में अपने बच्चों को पढ़ाने वाले अभिभावक नए शिक्षा सत्र में बच्चों को स्कूल भेजने से डरने लगे हैं।
क्योंकि स्कूल के तीन कमरों में से एक कमरे की छत पूरी तरह से जर्जर है। जहां बच्चों को बैठाना खतरे से खाली नहीं है। वहीं विद्यालय में बच्चों की कमी है। यहां पांच कक्षाओं को पढ़ाने के लिए मात्र दो ही शिक्षक हैं। बोहापारा मोहल्ले के ग्रामीणों का कहना है कि कई बार जर्जर भवन और शिक्षक नहीं होने की शिकायत ब्लाक व जिला स्तर पर कर चुके हैं। लेकिन इस संबंध मे ना तो स्थानीय जनप्रतिनिधि ध्यान दे रहे और ना ही शासन प्रशासन के द्वारा कोई ध्यान दिया जा रहा है। विद्यालय के एक कमरे का जर्जर होने के चलते नए शिक्षा सत्र में 88 छात्रों को बैठाने के लिए समस्या आएगी। वहीं छात्रों को पढाने के लिए शिक्षकों की कमी भी बनी हुई है। जिसका समुचित निराकरण नही हो पा रहा है। एक ओर शहरों व गांवो में माडल स्कूल विकसित किया जा रहा है लेकिन मुख्य मार्ग में स्थित बोहापारा के सरकारी स्कूल में आज भी छात्र – छात्राएं जीर्ण- शीर्ण भवन में पढ़ाई करने को मजबूर हैं। भले ही प्रदेश में माडल स्कूलों के कितने ही दावे किये जा रहे हो लेकिन धरातल कुछ और हकीकत बयां कर रही है।