
जांजगीर चांपा। जिले के नगरीय निकाय के कर्मचारियों कहीं 3,4 माह से वेतन नहीं मिला है। ऐसे में आक्रोशित कर्मचारियों ने दो सूत्रीय मांगों को लेकर कचहरी चौक में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया । सभा को संबोधित करते हुए जमकर हल्ला बोला। इसके बाद मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। वेतन नहीं मिलने से नियमित कर्मचारियों में भारी आक्रोश व्याप्त है। जिले में नगरीय निकायों की माली हालत खस्ता है। नियमित कर्मचारियों को कहीं 3 तो कहीं 4 माह से वेतन नहीं मिला है। नियमित कर्मचारियों को भुगतान नहीं होने के कारण उनका त्यौहार फीकी जा रही हैं। कर्मचारियों को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इससे कर्मचारियों में भारी रोष व्याप्त है। नगर पालिका जांजगीर- नैला के नियमित कर्मचारियों से काम तो पूरा लिया जा रहा है, मगर उन्हें वेतन नहीं मिल रहा है।
ऐसे में कर्मचारी बिना वेतन के ही काम कर नगरीय निकाय में सबसे ज्यादा परेशानी फोर्थ ग्रेड के कर्मचारी को उठानी पड़ रही है। जांजगीर-नैला पालिका में कई ऐसे कर्मचारी है, जिसके पास पालिका से वेतन के अलावा अन्य कोई आय का साधन नहीं है। तीन से चार माह से वेतन नहीं मिलने से बच्चों का फीस जमा नहीं कर पा रहे हैं। साथ में बैंक में उधारी लेने के बाद किस्त नहीं पटा पा रहे हैं। ऐसे में उल्टा नोटिस जारी हो रहा है। इसके अलावा कई परेशानी से जूझना पड़ रहा है।
मिल पा रहा है। पहले भी कर्मचारी वेतन नहीं मिलने की समस्या को लेकर सीएमओ के पास भी गुहार लगा चुके हैं। लेकिन कोई व्यवस्था नहीं हो पाई। इससे परेशान होकर जिले भर के नगरीय निकाय के कर्मचारियों ने एक दिवसीय प्रदर्शन पर कचहरी चौक में बैठ गए। साथ ही सरकार के खिलाफ जमकर हाल्ला बोला। इसके साथ पैदल कलेक्टोरेट पहुंचे। जहां दो सूत्रीय मांगों को लेकर अपर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। नगरपालिका जांजगीर-नैला में सभी नियमित कर्मचारियों के हड़ताल में रहे हैं। जिले के नगरीय निकायों में लगभग 300 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं। जांजगीर-नेला की बात करें तो नियमित कर्मचारियों को 4 माह का वेतन नहीं मिला है। वहीं प्लेसमेंट कर्मचारियों को भी 3 माह का वेतन भुगतान लंबित है। नियमित कर्मचारियों को वेतन देने के लिए
पालिका के पास पैसे नहीं है। एक माह में नियमित कर्मचारियों को करीब 28 लाख रुपए वेतन भुगतान होता है। पालिका के पास आय के पर्याप्त स्त्रोत हैं पर राजस्व वसूली में लापरवाही बरती जा रही है, इसके चलते पालिका के पास वेतन देने के लिए रुपाए नहीं है। साथ ही ऊपर से फंड नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में नियमित कर्मचारियों को वेतन नहीं दो सूत्रीय मांगों में पहला नगरीय निकायों में प्रत्येक माह की 1 तारीख को वेतन भुगतान की व्यवस्था सुनिश्चित किया जाए। दूसरा नगरीय निकायों में अन्य विभाग की भांति जल्द ही ओल्ड पेंशन योजना लागू करना प्रमुखता से शामिल है। चले जाने से नपा में सत्राटा पसरा रहा । ऐसे में फरियादियों को भटकना पड़ा। साथ ही उनकी जगह ठेका कर्मचारी भी नहीं पहुंचे।