
देहरादून। उत्तराखंड व नेपाल बार्डर पर चेकिंग व तस्करों को रोकने के लिए कोई समुचित प्रबंध न होने के कारण बड़ी मात्रा में नशे की सामग्री सप्लाई हो रही है। यही नहीं, मुंबई व अन्य राज्यों से तस्कर नेपाल होते हुए उत्तराखंड में दाखिल हो रहे हैं। उत्तराखंड पुलिस अब नेपाल सीमा पर सख्ती बढ़ाने जा रही है। उत्तराखंड व नेपाल सीमा पर जितने भी खुले स्थान हैं, उन्हें चिह्नित कर सूचीबुद्ध किया जाएगा। अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था एपी अंशुमान ने इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं। नशा तस्करों की कमर तोड़ने के लिए विभाग की ओर से एक्शन प्लान तैयार किया गया है। पिथौरागढ़, चंपावत व उधमसिंहनगर से नेपाल सीमा लगती है। इंटेलीजेंस रिपोर्ट के अनुसार, नेपाल से उत्तराखंड में नशीली दवाओं व चरस की तस्करी होती है। नेपाल सीमा से लगते सभी जिलों की पुलिस नशा तस्करी रोकने के लिए सीमा पर नियुक्त सभी संबंधित एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित करेगी। इसके साथ ही पुलिस छोटे-मोटे तस्करों को पकड़कर इतिश्री नहीं कर सकेगी। नशा तस्करी की घटनाओं में संलिप्त तस्करों से तस्करी में इस्तेमाल मार्गों की जानकारी हासिल की जाएगी। प्रदेश के सभी जनपदों में नशा तस्करी में इस्तेमाल होने वाले मार्ग, मार्ग के थाने, चौकी, पिकेट तथा बैरियर ड़यूटी को चिह्नित किया जाएगा। इसमें पुलिस की भूमिका की भी जांच की जाएगी। नशा तस्करी में जुड़े तस्करों पर गैंगस्टर लगाने मात्र से ही अब कार्रवाई पूरी नहीं हो जाएगी। सभी जिला प्रभारियों को निर्देशित किया गया है कि ऐसे अपराधियों की वित्तीय जांच व गैंगस्टर के तहत कार्रवाई करते हुए ऐसे अपराधों में लिप्त अपराधियों की सूचना समय-समय पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), वित्तीय जांच इकाई और आयकर को भी भेजी जाएगी। नशा तस्करों को पकड़वाने में पुलिस अब श्वानों की भी स्पेशल ड्यूटी लगाई जाएगी। देहरादून जनपद में जैनी, हरिद्वार जनपद में बेला व नैनीताल में लवी से नशा तस्करी व बिक्री करने वाले संदिग्ध व्यक्तियों तथा संदिग्ध वाहनों व स्थानों की समय-समय पर चेकिंग करवाई जाएगी।