जल, विद्युत, वाहन, सफाई सहित सभी आवश्यक कार्य हुए पूरी तरह से ठप्प
नगर संवाददाता
चिरमिरी। नवयुक्त अधिकारी कर्मचारी कल्याण संघ के तत्वाधान में 11 दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल की शुरुआत छत्तीसगढ़ के सभी नगरीय निकाय क्षेत्रों में की गई है । छत्तीसगढ़ में एक साथ 184 निकाय के कर्मचारियों ने 6 सूत्रीय मांगों को लेकर 11 दिसंबर से रायपुर में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे है, वहीं एमसीबी जिले से भी काफी संख्या में कर्मचारी रायपुर पहुंच चुके हैं और कुछ पहुंच रहे हैं।
नगरीय निकाय के कर्मचारियों के हड़ताल के दूसरे दिन ही पूरा चिरमिरी शहर थम सा गया है । पानी सप्लाई, सफाई व्यवस्था, कार्यालय सहित कचरा परिवहन के लिए लगने वाले ड्राइवर, पानी सप्लाई करने वाले टैंकर, पार्कों में काम करने वाले कर्मचारी लगभग सभी हड़ताल पर चले गए हैं। उपरोक्त संदर्भ में संगठन के जिला स्तरीय पदाधिकारी पंचूराम साहू ने जानकारी देते हुए बताया कि निकाय के कर्मचारियों को ट्रेजरी के माध्यम से वेतन भुगतान करने, ओल्ड वेतन योजना लागू करने, अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करने, 10 वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर कर्मचारियों की पदोन्नति करने, छठवें एवं सातवें वेतनमान को लागू करने, एरियस राशि भुगतान करने, नगरीय निकाय में ठेका पद्धति समाप्त करने सहित कई अन्य मांगे शामिल है । इसके पूर्व 12 नवंबर से 14 नवंबर 2024 तक 6 सूत्री मांगों को लेकर निकाय के कर्मचारी बिलासपुर में हड़तालकर चुके हैं। संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री सोनी ने बताया कि शासन 6 सूत्री मांगों पर कोई विचार नहीं कर रहा है । सिर्फ आश्वासन दे रहा है । वही आगामी नगरी निकाय चुनाव में कोई भी कर्मचारी है या उनके परिवार सदस्य मतदान भी नहीं करेगा इस संबंध में कर्मचारियों से चुनाव में भाग में नहीं लेने संबंधित प्रपत्र फार्म भी भरवाया गया है जिससे निर्वाचन पदाधिकारी छत्तीसगढ़ एवं विभागीय मंत्री नगरीय प्रशासन और विकास विभाग को भी पत्र प्रेषित किया गया है । वर्तमान में कई नगरीय निकायों में दो से चार माह का वेतन भुगतान लंबित है । इस संबंध में राज्य शासन द्वारा नगरी निकायों में एक तारीख को वेतन भुगतान किए जाने हेतु आदेश को प्रसारित किया गया है किंतु नगरीय निकायों के अधिकारी आदेश का पालन सुनिश्चित नहीं कर पा रहे है।
कर्मचारियों को वेतन न मिलना बड़ी समस्या
मिली जानकारी के अनुसार चिरमिरी नगर निगम में स्थाई कर्मचारियों को लगभग चार महीना 12 दिन हो गए हैं, आज तक किसी भी कर्मचारी को वेतन का भुगतान नहीं हुआ है । वही अस्थाई कर्मचारियों की बात करें तो लगभग 3 महीना होने को है उन्हें भी वेतन नहीं मिल पा रहा है । वहीं पार्षद और एल्डरमेन को भी शासन की तरफ से जो मानदेय दिए जाते हैं पिछले 5, 6 माह से उन्हें भी नहीं दिया जा रहा है । आखिर क्या वजह है कि दिन रात शासन के आदेशों के तहत घर परिवार छोडक़र आम जनमानस की सेवा करने वाले कर्मचारी आज अपने वेतन के लिए दर-दर भटक रहे है । अपने वेतन के लिए जब कर्मचारी कमिश्नर से बात करते हैं तो कमिश्नर दो टूक कहते हैं कि जब सैलरी ऊपर से आती थी, तो हम आपको भुगतान करते थे । अब जब सैलरी ऊपर से नहीं आ रही है, तो अपना घर बेचकर हम नहीं देंगे। ज्ञात हो कि प्रतिमाह लगभग दो करोड़ 70 लाख रुपया चिरमिरी निगम का ही सैलरी के तौर पर अधिकारी और कर्मचारियों को देना पड़ता है । यदि हम चार माह की बात करें तो लगभग 10 से 12 करोड रुपए सिर्फ वेतन भुगतान चिरमिरी निगम का ही बकाया है। वहीं बिजली बिल भी लगभग 20 लाख रुपए का बकाया बताया जा रहा है । डीजल पेट्रोल प्रदान करने वाली कंपनियां भी हाथ खड़ा कर रही हैं । लगभग 15 लाख रूपया उनका बकाया है।राम प्रसाद अंचला आयुक्त नगर पालिक निगम चिरमिरीकर्मचारियों के हड़ताल को तुड़वाने का प्रयास किया जा रहा है, कल से क्लीन सिटी के कर्मचारी काम पर लौट सकते है ।