बिर्रा। ग्राम पंचायत तालदेवरी सहित ग्रामीण अंचल में तीज का पर्व धूमधाम से मनाया गया । महिलाओं ने पति की लंबी आयु के लिए 24 घंटे का निर्जला व्रत रखकर रात में पूजा की। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष के तृतीया तिथि के दिन माता पार्वती और भगवान शिव की विशेष कर विधि विधान से पूजा की जाती है। इस पर्व को हरियाली तीज या हरितालिका पर्व के नाम से भी जाना जाता हैं।
मान्यता है,इसी हरियाली तीज के दिन माता पार्वती ने कठोर तप किया था और प्रसन्ना होकर भगवान शिव ने माता पार्वती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया इस दिन व्रत रखने से भक्तों की मनोकामना पूर्ण हो जाती है। इस दिन को सुहागिन स्त्रियों के लिए विशेष माना जाता हैक्योंकि इसी दिन महिलाएं श्रद्धा भक्ति से भगवान शिव और माता पार्वती की सच्चे मन से उपासना करती है और अपनी जीवनसाथी के लिए लंबी उम्र की कामना करती है। व्रती महिलाओं ने भगवान शिव की मूर्ति बनाकर फुलेरा सजा कर विधि विधान से पूजा कर भजन-कीर्तन करते हुए रतजगा कर पौ फटने पर पुन: पूजन आरती के साथ मूर्ति को जलाशय में विसर्जित कर व्रत की पारणा की। लगातार 40 साल से व्रत धारण करती आ रही संतोषी साहू, जानकी साहू 28 साल से व, सरसवती साहू 20 वर्षो से व्रत करते आ रही, शांति साहू ने बताया इस व्रत धारी को 18 घंटे पूर्व ही करू भात लेने के साथ सुबह से ही सरफोक के दातुन हन्नान के समय तिल के पत्ते व मिट्टी को साबुन के स्थान में प्रयोग कर दिन भर निराहार कर रख देर सायं पूजन एवं भजन कीर्तन कर रात जग कर पांव फटने के बाद पुन: पूजन आरती करते हुए जलाशय में मूर्ति विसर्जन के बाद ही व्रत की पारणा की जाती है। तीज त्योहार के लिए घरों में पारंपरिक पकवान ठेठरी, अरशा, सलोनी, गुझीया, खुर्मी, खाजा विभिन्ना प्रकार के पकवान बनाये गये थे।