नगर पालिका जांजगीर के अधिकारी का मनमौजी रवैया उजागर
जांजगीर नैला। नगर पालिका परिषद जांजगीर नैला के वार्ड क्रमांक 16 एवं 17 के बीच परशुराम भवन मार्ग में बनने वाली सडक़ निविदा होने के एक वर्ष बाद भी नहीं बन पाया है इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि नगर के जनप्रतिनिधि कितने लापरवाह एवं उदासीन है, वहीं पालिका अधिकारी भी जनहित के कार्यों पर निष्क्रीय हैं जिसके कारण वार्ड की जनता को सुविधाओं से महरूम होना पड़ रहा है।
इस संबंध में अवगत हो कि नगर पालिका परिषद जांजगीर नैला के वार्ड क्रमांक 16 एवं 17 के बीच परशुराम भवन से तिवारी बालोद्यान तक जाने वाली मार्ग का सी सी रोड निर्माण किए जाने हेतु नगर पालिका ने एक वर्ष से पहले टेंडर निकली थी किंतु इस निविदा कार्य में केवल कुछ दूरी तक का ही नाली निर्माण कराया जा सका है और सडक़ निर्माण को पालिका ने चालू तक नहीं करवा पाए नतीजा यह है कि खराब सडक़ में लोग चलने को विवश है जबकि यह मार्ग एक तरह से मुख्य मार्ग की तरह शॉर्टकट वाली मार्ग है जहां लिंक रोड से सीधे कचहरी चौक पहुंचा जा सकता है। इस आवश्यक कार्य को करने के लिए वार्ड क्रमांक 16 के भाजपा पार्षद हितेश यादव न तो रुचि लिए और न ही वार्ड क्रमांक 17 के कांग्रेस पार्षद विवेक सिसोदिया ने कोई पहल किया। फलस्वरूप वार्ड वासियों के लिए समस्या आज भी विद्यमान है। इसका टेंडर कराए जाने के बाद भी एक साल में सडक़ बनाना तो दूर वर्क आर्डर तक जारी नहीं किया जा सका है। इस निविदा कार्य को पूर्ण करने के लिए वार्ड वासियों द्वारा कई बार मौखिक रूप से मुख्य नगर पालिका अधिकारी प्रहलाद पांडेय को कहा गया परंतु बहाने बाजी बनाते हुए इस कार्य को आज तक प्रारंभ नहीं किया गया है।
नगर पालिका परिषद का चुनाव अब चंद महीने ही रह गए हैं लेकिन समस्याओं का निराकरण निर्वाचित जन प्रतिनिधि एवं नगर पालिका के मुख्य नगर पालिका अधिकारी ने इसे पूरा करने के लिए कोई पहल नहीं किया। यह खराब सडक़ को लेकर वार्ड क्रमांक 16 एवं वार्ड क्रमांक 17 के वार्ड वासियों द्वारा निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के प्रति आक्रोश बढने लगा है। वही लापरवाह अधिकारी के रवैया से वार्ड की जनता नगर पालिका का घेराव करने की बातें कहने लगी है। यहां यह बताना आवश्यक है कि वार्ड क्रमांक 16 के भाजपा पार्षद हितेश यादव एवं वार्ड क्रमांक 17 के कांग्रेस पार्षद विवेक सिसोदिया को एक सक्रिय पार्षद के रूप में कहा जाता है परंतु इन मौका परस्त पार्षदों के उदास उदासीनता के कारण दोनों वार्ड के बीच की सडक़ बनने से वंचित हो गई है जिसके कारण लोगों को परेशानियो का सामना करना पड़ रहा है।बरसात के दिनों में घरों का पानी सडक़ों तक पहुंच जाता है किंतु व्यवस्थित नाली एवं सडक़ का निर्माण कराना इन्होंने उचित नहीं समझा। अब फिर से चुनाव नजदीक आने के कारण उनके व्यवहार में जरूर बदलाव दिखाई दे रहा है परंतु चुनाव जीतने के बाद यह दोनों राजा बाबू बनकर राजनीतिक लाभ लेते रहते हैं नतीजा यह है कि वार्ड क्रमांक 16 एवं 17 की जनता खराब सडक़ के कारण दो वार्डो में पीस रही है।