जांजगीर-चांपा । जिला मुख्यालय आने वाले वाहन चालकों को नैला रेलवे फाटक पार करना काफी परेशानियों भरा होता है। नैला फाटक के बंद रहने के चलते हर दिन यहां जाम की स्थिति निर्मित हो जाती है। फाटक में जाम की समस्या आम हो गई है। चालक को घंटों जाम से फंसे होने की समस्या रोज की बात हो गई है। जिला मुख्यालय होने के चलते रोजाना बड़ी संख्या में बलौदा, पंतोरा, खिसोरा,कोरबा सहित अन्य ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों का आना-जाना जांजगीर लगा रहता है। जिला मुख्यालय में रोजाना बलौदा सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की आना-जाना लगा रहता है। वहीं दूसरी ओर रोजाना बड़ी संख्या में कोरबा, बिलासपुर जाने वाले राहगीर इसी मार्ग से होकर गंतव्य के लिए गुजरते हैं। जिसके चलते पूरे दिन भर वाहनों का दबाव बना रहता है। जिला मुख्यालय के लिए यह रेलवे फाटक आम लोगों के लिए सर दर्द बन गया है जहां प्रत्येक 5 मिनट में फाटक बंद हो जाता है वही सवारी गाडिय़ों से ज्यादा माल गाडिय़ां चलती हैं जिसके चलते अधिकतर समय फाटक को घंटो बंद कर दिया जाता है। सबसे बड़ी बात यह है कि एक समय में तीन से चार गाडिय़ां पार करके रेल विभाग लोगो के सब्र का इम्तिहान ले रही है वर्तमान में पश्चिम केबिन के पास रेलवे का ओवर ब्रिज बनाया जाना अत्यंत आवश्यक है। पिछले कुछ सालों से रेलवे का यह गतिविधि पूरी तरह से संचालित है जिसके करण आमजनों को भारी मुसीबतों सामना करना पड़ रहा है। इस संबंध में स्थानीय नेताओं द्वारा अनेक बार रेलवे प्रबंधन को प्लेटफार्म में सुविधा बढ़ाने तथा गाडिय़ों की स्टॉपेज एवं ओवरब्रिज बनाए जाने हेतु कहा जा चुका है परंतु रेलवे का ध्यान जरा भी इस मामले पर नहीं है । लगातार फाटक बंद होने से लोगों में आक्रोश पनपने लगा है जो कभी भी रेलवे विभाग के प्रति रेल रोको आंदोलन तथा धरना प्रदर्शन का स्वरूप ले सकती हैं इसे बचाने के लिए रेलवे विभाग को चाहिए कि तत्काल जन सुविधा को ध्यान में रखते हुए चाही गई मांगों को पूरा करें अन्यथा भाजपा सरकार एवं रेलवे विभाग के प्रति आक्रोश फूट सकता है।
भाजपा नेता खुद निष्क्रिय
जांजगीर चांपा के पूर्व विधायक एवं भाजपा के गद्दावर नेता नारायण चंदेल को भजपा में एक बड़े नेता के रूप में जाना जाता है परंतु जब जब बरसात का मौसम आता है तब तक उनके घर के पास विशाल गड्ढा हो जाता है लोग इस गड्ढे से परेशान होते हैं और कई बार दुर्घटना ग्रसित हो जाते है वर्तमान में भी यही स्थिति नजर आ रही है। जिसे देखकर लोग नारायण चंदेल को एक निष्किय नेता कहने लगे हैं।