कोरबा। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने आयुक्त बिलासपुर संभाग को इस बात के लिए निर्देशित किया है कि कोरबा जिले की ग्राम पंचायत रजगामार पर की जा रही गलत कार्यवाही को तत्काल रोकें। इसके साथ ही राज्य स्तरीय टीम से जाँच करने का निर्देश भी दिया है।
पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर की शिकायत पर यह कदम सरकार की ओर से उठाया गया है। उनके नेतृत्व में एक शिष्ट मंडल ने मुख्यमंत्री से मिलकर वस्तुस्थिति की जानकारी दी थी। इससे पहले महिला आदिवासी सरपंच ग्राम पंचायत रजगामार रामूला राठिया को उच्च न्यायलय छत्तिसगढ़ बिलासपुर से राहत दी गई। वहीं ननकीराम कंवर ने मुख्यमंत्री सहित संबंधित अधिकारियों व प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग श्रीमती निहारिका बारीक को पत्र लिखकर रजगामार से संबंधित कार्यवाही की वास्तविकता बताई थी। कहा गया था कि रजगामार की सरपंच आदिवासी महिला है जिन्होंने 15वें वित्त आयोग मद से कार्य कराया गया है जिसका कई कार्यों का मूल्यांकन और सत्यापन कर राशी भुगतान कराया गया है परंतु एक कांग्रेसी उपसरपंच की शिकायत पर पूर्व कलेक्टर और वर्तमान कलेक्टर कोरबा के द्वारा अनुचित कदम उठाते हुए परेशान किया जा रहा है और राशि में कटौती की जा रही है।
ग्राम पंचायत रजगामार में विधायक मद और जिला खनिज न्यास मद सहित पंचायत मद से कराये गए निर्माण कार्य का भुगतान नहीं किया जा रहा है जिससे सरपंच को आर्थिक परेशानियों से जूझना पड ऱहा है। बताया गया कि पंचायत को उसके द्वारा कराए गए काम का भुगतान करने के बजाय राशि में कटौती करना समझ से परे हैं।
जबकि भ्रष्टाचार के मामले में उप सरपंच जितेंद्र राठौर को अधिकारी अभयदान दे रहे हैं। सरपंच ग्राम पंचायत रजगामार के अधिकार का हनन करने के लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कोरबा के द्वारा ग्राम पंचायत रजगामार के सभी मदों के राशी आहरण पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कोरबा के अनुमति पश्चात ही करने का आदेश भी विधि विरुद्ध है।