आकांक्षी जिला कोरबा में फ्लैगशिप योजनाओं का बुरा हाल
कोरबा। भारत सरकार ने आवासहीनों के साथ-साथ आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को अपने घर की सुविधा देने के इरादे से प्रधानमंत्री आवास योजना लांच की है जिस पर पिछले 10 वर्षों से काम चल रहा है। छठवीं अनुसूची के साथ-साथ सरकार के आकांक्षी जिला में शामिल कोरबा में इस फ्लैगशिप योजना का क्रियान्वयन कई जगह दम तोड़ता नजर आ रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे बुरी स्थिति है। लोगों की अशिक्षा और जानकारी के अभाव में योजना की राशि डकारी जा रही है।
जिले के सबसे बड़े विकासखंड पोड़ी उपरोड़ा के मानिकपुर पंचायत में ऐसा ही मामला प्रकाश में आया है। वहां विशेष संरक्षित पंडो जनजाति से जुड़े एक परिवार को इस योजना से प्राप्त 40 हजार रुपए की राशि सरपंच ने डकार ली। सूचनाओं के अनुसार मानिकपुर पंचायत के अंतर्गत तिलधरा पंडोपारा आश्रित ग्राम है जहां पर संरक्षित जनजाति के लोग निवासरत हैं। यहां पर फूलबाई जानी पंडो पति धनसाय पंडो के नाम से प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हुआ। आगे की औपचारिकताएं पूरी की गई। उक्तानुसार योजना के तहत पहली किश्त प्राप्त हुई। आदिवासी दंपत्ति के बताए अनुसार पंचायत के सरपंच श्रोते ने दंपत्ति को लोक सेवा केंद्र गुरसिया ले जाने के साथ 40 हजार रुपए प्राप्त कर लिए। यह राशि वास्तविक रूप से हितग्राही के हिस्से की थी जिसका उसे एक रुपए भी नहीं मिला। कई जगह पूछताछ करने के बाद आदिवासी दंपत्ति की समस्या हल नहीं हुई। उनके सामने इस बात की चिंता है कि आखिर ऐसे ही काम चलता रहा तो आवास बनेगा कैसे। उन्होंने मीडिया और आसपास के जागरूक लोगों से इस मामले को साझा किया है। वे न्याय चाहते हैं।
इस वर्ष 34 हजार आवास स्वीकृत हुए ग्रामीण क्षेत्र के लिए
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के समन्वयक आशीष चंद्राकर ने तरूण छत्तीसगढ़ से चर्चा करते हुए बताया कि वर्ष 2024 में 34 हजार आवास ग्रामीण के लिए स्वीकृत हुए हैं। सितंबर महीने से संपूर्ण क्षेत्र के लिए इस पर कार्य शुरू किया गया है। अब तक 33 इकाईयों पर कार्य हुआ है। पिछले वर्ष जिले में 34 हजार आवास की स्वीकृति हुई और इनका निर्माण कराया गया। सरकार की ओर से पीएम आवास ग्रामीण के लिए 1 लाख 20 हजार रुपए की अनुग्रह राशि हितग्राहियों को उपलब्ध कराई जा रही है। उक्तानुसार वे इसका लाभ प्राप्त कर रहे हैं। सहायक अभियंता चंद्राकर ने बताया कि आवास योजना के सफल क्रियान्वयन को लेकर बेहतर निगरानी कराई जा रही है और लगातार अपडेट लेने के साथ कई मामलों में कार्रवाई भी हो रही है। बताया गया कि योजना को शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में क्रियान्वित कराने के लिए अलग-अलग सिस्टम बना हुआ है जिसे आवश्यक जिम्मेदारी दी गई है। उद्देश्य यह है कि आवासहीनों को योजना का लाभ दिया जाए।