
दिल्ली। रिश्वत के बदले प्रदूषणकारी निर्माण गतिविधियों की अनुमति देने का एक संदिग्ध रैकेट प्रकाश में आया है। सीबीआई ने दिल्ली राजस्व विभाग के एक पटवारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है, जिसने कथित तौर पर ओखला के पास शाहीन बाग के एक निवासी से प्रतिबंधित निर्माण कार्य करने के लिए रिश्वत मांगी थी। लाजपत नगर में उप-विभागीय मजिस्ट्रेट कार्यालय में तैनात पटवारी अनिल चौधरी और नितिन नामक एक निजी व्यक्ति को अन्य लोगों के साथ सीबीआई की प्राथमिकी में नामजद किया गया है। उन्होंने कथित तौर पर शाहीन बाग निवासी मुहम्मद वसीम से जुर्माने से बचने के लिए 15 हजार रुपये मांगे थे। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते प्रदूषण के कारण सरकार ने फिलहाल निर्माण गतिविधियों पर रोक लगा रखी है। संदिग्धों पर भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 61(2) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत आपराधिक साजिश से निपटने के दंडात्मक प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है। वसीम ने अपनी शिकायत में कहा कि खुद को पटवारी अनिल चौधरी बताने वाला एक व्यक्ति उनके घर आया और प्रतिबंधों के बावजूद निर्माण कार्य करने पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाने की धमकी दी। शिकायतकर्ता ने कहा कि उसे एसडीएम कार्यालय बुलाया गया, जहां कमरा नंबर 109 में हुई बैठक के दौरान वह बातचीत करने में कामयाब हो गया और रिश्वत की रकम 25 हजार रुपये से घटाकर 15 हजार रुपये कर दी। वसीम की शिकायत में कहा गया है कि बैठक के दौरान संदिग्धों ने मौखिक रूप से राशि का उल्लेख करने से परहेज किया और रिश्वत की राशि का आंकड़ा अपनी उंगली से मेज पर खींचना पसंद किया। इससे पता चलता है कि पटवारी और अन्य संदिग्धों को मुखबिर की सूचना दी गई थी या उन्हें संभावित जाल का डर था।