लखनपुर। नगर पंचायत लखनपुर क्षेत्र में विचरण करने वाला हाथियों का दल माजा जंगल में पहुंच गया है। जंगली हाथियों द्वारा शनिवार की रात बड़े रकबे में फसलों को नुकसान पहुंचाया गया है। जंगली हाथियों के कारण लखनपुर क्षेत्र के कई गांव के लोग शनिवार की रात भयभीत रहे। वन कर्मचारियों की निष्क्रियता के कारण जंगली हाथियों से जान बचाने के लिए लोग रतजगा करने विवश थे। उन्हें हाथियों के विचरण क्षेत्र तक की जानकारी नहीं मिल पा रही थी। शनिवार की सुबह 11 जंगली हाथियों का दल नगर पंचायत लखनपुर क्षेत्र में प्रवेश कर गया था। राष्ट्रीय राजमार्ग को पार कर हाथी पुराने इंजीनियरिंग कालेज के पास के जंगल में पहुंच गया था तब लोगों को राहत मिली थी। दिन भर हाथी यहीं जमे रहे। जैसे की संभावना जताई जा रही थी ठीक वैसा ही हुआ। शाम को ही हाथी जंगल से बाहर निकलने लगा था। रात नौ बजे हाथी फिर उसी रास्ते मे लौटने लगे थे जिस रास्ते वे आगे बढ़े थे। नगर पंचायत क्षेत्र में जंगली हाथी फिर प्रवेश न कर सके इसलिए लोगों ने जंगली हाथियों को असुरक्षित तरीके से खदेडऩे का प्रयास शुरू कर दिया। पटाखा एवं ढोल नगाड़े बजाकर हाथियों को आगे जंगल की ओर खदेड़ा गया।कटिंदा, बरपारा होते हुए हाथियों का दल रविवार को माजा जंगल में प्रवेश कर गया। रातभर लोग भयभीत रहे। जिन गांवों के आसपास से होकर हाथी गुजरे उधर सारी रात लोग जागते रहे। बुजुर्गों, बच्चों को सुरक्षित स्थान ले जाकर रखा गया था। हाथियों ने धान की खड़ी फसल को बर्बाद किया है। वन विभाग अभी तक आकलन नहीं कर सका है। हाथियों से बचाव के लिए वन अमला अभी भी सक्रिय भूमिका नहीं दिखा पा रहा है। आरोप है कि वन परिक्षेत्र अधिकारी लखनपुर मुख्यालय में निवास नहीं करने के कारण यह अव्यवस्था उतपन्न हुई है। शनिवार की रात भी जंगली हाथी लखनपुर क्षेत्र में ही थे। रेंजर के रात 10 बजे अंबिकापुर चले जाने के कारण वन कर्मचारी भी धीरे-धीरे फील्ड से गायब हो चुके थे। लोग हाथियों से बचाव के लिए सारी रात संघर्ष करते रहे लेकिन वन विभाग का कोई भी सहयोग नहीं मिला।