नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में भ्रामक विज्ञापन के मामलों में सुनवाई करते हुए बाबा रामदेव, आचार्य बालकृष्ण को कड़ी फटकार लगाई। इसके अलावा, उत्तराखंड सरकार के राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण को भी जमकर सुनाया। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा था कि हम आपकी बखिया उधेड़ देंगे। जज की भाषा पर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जजों और पूर्व सीजेआई ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि कोर्ट में सुनवाई के दौरान हमेशा ही संयम के मानक स्थापित किए गए हैं और इसका इस्तेमाल निष्पक्ष बहस के एक मंच के रूम में किया जाता रहा है। पूर्व जजों ने कहा कि ‘हम बखिया उधेड़ देंगे’ कहना सड़क पर मिलने वाली धमकी जैसा ही है और यह कभी भी संवैधानिक कोर्ट के जस्टिस के ओबिटर डिक्टा लेक्सिकॉन का हिस्सा नहीं हो सकता है।