तंगहाली के बीच कर्ज ने बढ़ाई परेशानी तो निकाला यह तरीका
कोरबा। लंबे समय से आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे एक कमजोर परिवार को पड़ोसियों ने मानवीयता के आधार पर संकट से उबारने की कोशिश की लेकिन नाकाम रहे। लगातार पेश आ रही चुनौतियों से छुटकारा पाने के लिए टेलरिंग कारोबारी ने अपने साथ पूरे परिवार को समाप्त करने के इरादे से खौफनाक कदम उठा लिया। इस घटना में पत्नी की मौत हो गई जबकि दो बेटियां गंभीर रूप से घायल हो गई। वहीं पति ने अपनी नस काटकर खुदकुशी करनी चाही। इस कारनामे से दर्री क्षेत्र में हैरानी के साथ शोक की स्थिति है। पुलिस ने मामला दर्ज किया है। पीडि़तों को मेडिकल कॉलेज हास्पिटल में भर्ती कराया गया है।
इस घटना के सूत्रधार टेलरिंग व्यवसायी मनोज साहू के खिलाफ पुलिस ने बीएनएस की धाराओं के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किया है। वर्ष के अंतिम महीने के प्रथम सप्ताह के शुक्रवार-शनिवार की मध्य रात्रि हुई इस घटना ने लोगों को सोचने के लिए मजबूर कर दिया। घटना की जानकारी सुबह हुई। जब मालूम हुआ कि कपड़े सिलने के व्यवसाय से जुड़े मनोज साहू ने अपनी पत्नी सतरूपा साहू की गला रेतकर निर्मम हत्या कर दी। इसके साथ ही उसने दो बेटियों परिधि 17 व काव्या 12 वर्ष पर प्राणघातक हमला किया जो देवयोग से बच गई। घर पर किए गए इस कारनामे के दौरान मनोज की मानसिकता स्पष्ट थी। इसलिए उसने खुद को भी समाप्त करने की ठानी और इसी इरादे से हाथ की नस काट ली। उसका प्लान अपनी देने का था ताकि पूरा किस्सा खत्म हो जाए। किसी तरह आसपास के लोगों को इस बारे में जानकारी हुई तो पुलिस को अवगत कराया गया। आनन-फानन में दोनों बेटियों सहित मनोज को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया जहां पर उनका उपचार जारी है।
खबरों के अनुसार चार सदस्यीय परिवार के मुखिया मनोज के सामने अरसे से आर्थिक चुनौतियां थीं। अलग-अलग कारणों से कर्ज हो गया था। ऐसे में समस्याओं से पार पाना मुश्किल हो गया। यहां-वहां से लिए गए कर्ज के कारण इस बात का दबाव था कि कर्ज की राशि अदा की जाए। निराकरण के रास्ते मौजूद नहीं थे ऐसे में उसे कोई तरीका नहीं सूझा और उसने पूरे परिवार को समाप्त करने के लिए यह योजना बनाई। पुलिस ने प्रकरण दर्ज करने के साथ जांच शुरू की है।
लगातार आ रहे हैं ऐसे मामले
पिछले कुछ महीनों में इस तरह की घटनाएं प्रदेश के चार-पांच जिलों में सामने आई है जहां पर ज्यादा कर्ज चढऩे और परेशानियों की जद में आने पर लोगों ने ऐसा खौफनाक कदम उठा लिया। वे खुद मरे और परिवार को भी ले डुबे। समाज शास्त्रियों के लिए ऐसे कारनामे चिंता के साथ अनुसंधान का विषय बने हुए हैं।
समय पर काउंसिलिंग जरूरी
मनोविज्ञान पर अध्ययन करने वाले चिंतक बताते हैं कि इस प्रकार की घटनाओं के पीछे कई तरह के कारण जिम्मेदार होते हैं। समय रहते इनका विश्लेषण न होने और समाधान नहीं होने पर नतीजे गंभीर स्थिति में पहुंच जाते हैं इसलिए जरूरी है कि संबंधितों की काउंसिलंग समय पर हो।