क्षमतावान शिक्षकों को दी जाएगी जिम्मेदारी
कोरबा। जिले में शिक्षा विभाग गड़बड़ चल रही व्यवस्था को ठीक करने के लिए गंभीर होता दिख रहा है। संकुल प्रभारी के मामले में जो व्यवस्था निश्चित है, उसके हिसाब से कामकाज देने को लेकर जरूरत महसूस की जा रही है। कोरबा जिले में कई स्थान पर नियम विरोध तरीके से प्रधान पाठक इस जिम्मेदारी को भी निभा रहे हैं। इससे दूसरे शिक्षकों को यह दायित्व नहीं मिल पा रहा है। इससे पहले की मामले को लेकर ज्यादा किरकिरी हो विभाग ने प्रस्ताव मंगाने में रुचि दिखाइ है।
संकुल से जुड़ी हुई व्यवस्था में आठ विद्यालयों को जोड़ा गया है। वहां की निगरानी से लेकर अन्य स्तर पर होने वाली व्यवस्था को देखना और इसकी रिपोर्टिंग करना संबंधित केंद्र प्रभारी की जिम्मेदारी है। शिक्षा विभाग के द्वारा जो नियम बनाया गया है उसके अंतर्गत संबंधित संकुल के शिक्षक को ही यह काम दिया जा सकता है, दूसरे को नहीं। प्रदेश भर में इसी व्यवस्था पर काम होना है इसके लिए उच्च स्तर से निर्देश जारी किए गए हैं और इसका हर हाल में परिपालन करने को कहा गया है। खबर के अनुसार कोरबा जिले के पांच विकासखंडों में कई संकुल की व्यवस्था मनमाने तरीके से चल रही है। कोरबा जिले में अपने सेवाकाल के दौरान अलग-अलग कामकाज को लेकर विवादों में घिरे रहे पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी गोवर्धन भारद्वाज ने अपने तरीके से चहेतों को संकुल की अतिरिक्त व्यवस्था देकर उन्हें उपकृत करने और अपने लिए अच्छी संभावनाएं विकसित करने का काम किया। कोरबा जिले से भारद्वाज का स्थानांतरण भले ही हो गया लेकिन उनके समय में की गई मनमानी व्यवस्था अभी भी पटरी पर बनी हुई है और उस समय विशेष जिम्मेदारी प्राप्त करने वाला वर्ग एक प्रकार से लाभान्वित हो रहा है। कोरबा जिले में इस प्रकार के कई मामले हैं जिसकी जानकारी अधिकारियों को अलग-अलग स्तर से होती रही है लेकिन अब तक कुछ हो नहीं सका है। सबसे चर्चित मामला विकासखंड कोरबा में विनोद खांडे से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है। जानकारी में बताया गया कि रजगामार क्षेत्र के एक विद्यालय में पदस्थ रहे इस शिक्षक को विभाग ने प्राथमिक शाला के प्रधान पाठक के तौर पर पदोन्नति कर दिया और बालको नगर के परसाभाटा क्षेत्र के विद्यालय में पदस्थापना कर दी। यह सब अधिकारियों की जानकारी में है इसके बावजूद यह शिक्षक पुराने संकुल और एक अन्य नजदीकी संकुल का प्रभार अभी भी देख रहा है। जबकि इन संकुलों में अनेक शिक्षक उपलब्ध है जो उपरोक्त जिम्मेदारी का निर्वहन करने के मामले में जरूरी क्षमता रखते हैं। बार-बार सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर ऐसी कौन सी वजह है जिसके कारण दूसरे संकुल के प्रधान पाठक को अन्य इलाके में गैर जरूरी कारण से बैठाकर रखा गया है, वह भी लंबे समय से। कोरबा विकासखंड के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी इसी ढर्रे पर काम होने की खबरे हैं। इस तरह की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए कब तक मानसिकता बनाई जाएगी, इसका इंतजार है।
स्वीकृति लेकर करेंगे नियुक्ति
पिछले वर्ष जिन शिक्षकों का प्रधान पाठक के पद पर प्रमोशन हुआ था और उन्होंने नई पदस्थापना पर जॉइनिंग की, ऐसे सभी मामलों के बारे में प्राचार्य से जानकारी मंगाई गई है। डीएमसी को संबंधित प्रस्ताव भेज दिया गया है। आगामी दिनों में कलेक्टर से अप्रूवल लेकर नए संकुल प्रभारी की नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
तामेश्वर उपाध्याय, जिला शिक्षा अधिकारी