
नईदिल्ली, ०७ दिसम्बर । एक संसदीय समिति ने सिफारिश की है कि केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और संगठनों की चयन समितियों और विभागीय पदोन्नति समितियों में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) समुदायों के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाना चाहिए।समिति ने इन समुदायों के कर्मचारियों के हितों की देखभाल के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निदेशक मंडल में भी एससी और एसटी के अधिकारियों की नियुक्ति की सिफारिश की है। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के कल्याण पर संसदीय समिति की रिपोर्ट संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान बुधवार को लोकसभा और राज्यसभा में पेश की गई।समिति ने तमिलनाडु और महाराष्ट्र राज्य सरकारों सहित विभिन्न केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और संगठनों में एससी/एसटी कर्मचारियों की पदोन्नति के लिए चयन समितियों और विभागीय पदोन्नति समितियों (डीपीसी) में एससी/एसटी के प्रतिनिधियों को शामिल करने की सिफारिश की। समिति ने संगठनों/निकायों/बैंकों के प्रबंधनों के साथ एससी/एसटी कर्मचारी कल्याण संघों की त्रैमासिक बैठकें बुलाने पर भी जोर दिया ताकि एससी/एसटी कर्मचारियों की शिकायतों का समय पर निवारण किया जा सके।