नईदिल्ली, २९ जनवरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के तहत बच्चों से बात कर रहे हैं। इस बार परीक्षा पे चर्चा के लिए 2 करोड़ 5 लाख से ज्यादा छात्रों के साथ ही 14.93 लाख से अधिक शिक्षकों और 5.69 लाख से अधिक अभिभावकों ने पंजीकरण कराया है। परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित हो रहा है। आयोजन स्थल पर लगभग 4,000 छात्र मौजूद हैं। पीएम मोदी ने इस बात की ओर ध्यान दिलाया कि किस तरह आजकल लिखने की आदत छूटती जा रही है। पीएम ने बच्चों से कहा कि वे दिनभर जितना समय अपनी स्टडी को देते हैं, उसमें से 50 फीसदी टाइम लिखने में बिताना चाहिए। जिन बच्चों को लिखने की आदत होगी, परीक्षा में लिखना उनके लिए आसान होगा। लिखने की आदत जिन बच्चों में होगी, उनके सोचने की क्षमता भी उतनी ही तेज होगी। रोज अपनी नोट बुक में लिखें और उसको दो-तीन बार पढ़ें। पीएम मोदी ने अपने संबोधन के शुरुआत में उन बच्चों, शिक्षकों और पालकों को बधाई दी, जिन्होंने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अथक प्रयास किया। पीएम मोदी ने भारत मंडपम के बारे में भी बच्चों को बताया।पीएम मोदी ने छात्रों से कहा, प्रेशर को खुद पर हावी ना होने दें। जितना लक्ष्य पूरा कर सकते हैं, उतना ही तय करें। इस मामले में माता-पिता और शिक्षकों को भी छात्रों की मदद करना चाहिए। प्रेशर का सामना करने के लिए खुद को सामर्थ्यवान बनाएं। हमें किसी भी प्रेशर को झेलने के लिए खुद को सामर्थ्यवान बनाना चाहिए। दबाव को हमें अपने मन की स्थिति से जीतना जरूरी है। किसी भी प्रकार की बात हो, हमें परिवार में भी चर्चा करनी चाहिए। माता-पिता, शिक्षकों या रिश्तेदारों की ओर से समय-समय पर नकारात्मक तुलना की जाने वाली रनिंग कमेंट्री छात्र के मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। यह फायदे से ज्यादा नुकसान करता है। हमें छात्रों के साथ बातचीत के माध्यम से हर मुद्दे का समाधान सुनिश्चित करना चाहिए, न कि शत्रुतापूर्ण तुलनाओं के माध्यम से उनके मनोबल और आत्मविश्वास को कम करना चाहिए। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण प्रधानमंत्री कार्यालय, पीआईबी, शिक्षा मंत्रालय समेत अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इससे पहले कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए पीएम मोदी भारत मंडपम पहुंचे। पीएम मोदी ने यहां बच्चों की लगाई प्रदर्शनी देखी और उनसे बात की।