लखनऊ, १८ अक्टूबर । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इको पर्यटन की संभावनाओं को विस्तार देने के लिए अधिक से अधिक पर्यटक सुविधाएं विकसित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि दुधवा नेशनल पार्क, चूका टाइगर रिजर्व, कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य जैसे स्थलों के लिए हेलीकाप्टर सेवा, फोरलेन सड़क मार्ग, गाइड, ठहरने एवं खाने-पीने जैसी सुविधाएं प्राथमिकता के आधार पर विकसित की जाएं। वन्यजीव संरक्षित क्षेत्रों की सड़कों के किनारे जागरूकता वाले साइनेज लगाए जाएं। मुख्यमंत्री आवास पर उत्तर प्रदेश राज्य वन्यजीव बोर्ड की 15वीं बैठक में सीएम योगी ने कहा कि नमामि गंगे परियोजना के माध्यम से अविरल और निर्मल हो रही गंगा में डाल्फिन की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। डाल्फिन के संरक्षण व संवर्द्धन के लिए डाल्फिन मित्र नियुक्त करें। राज्य पशु बारहसिंघा और राज्य पक्षी सारस के संरक्षण के लिए चरणबद्ध ढंग से कार्य आगे बढ़ाया जाए। नियोजित प्रयासों से ही प्रदेश में बाघों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वन्यजीवों के रेस्क्यू में संवेदनशीलता के साथ मानकों का ध्यान रखा जाए। राज्य में वेटलैंड संरक्षण और पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयासों के अच्छे परिणाम मिले हैं। अब तक 10 रामसर साइट घोषित हो चुकी हैं। संतकबीरनगर की बखीरा झील इको पर्यटन के लिए संभावनाओं से भरी है। यहां के विकास के लिए बेहतर कार्ययोजना तैयार करें। महराजगंज के सोहगीबरवा वन्य जीव प्रभाग में स्थित महाव नाले के चौड़ीकरण और गहरीकरण के कार्य जल्दी पूरा किया जाए। इस संबंध में वन भूमि के स्थानांतरण का कार्य शीघ्र किया जाए। वन्यजीव संरक्षित क्षेत्रों में नदियों की गाद निकालने का काम सुनियोजित ढंग से किया जाए। इससे जलप्लावन की समस्या का निराकरण हो सकेगा और वन्यजीवों का नुकसान भी कम होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि वन्यजीव संरक्षित क्षेत्रों में पर्यावरण के मानकों का ध्यान रखते हुए और उपयोगिता के आधार पर संपर्क मार्गों के निर्माण और चौड़ीकरण, मोबाइल टावर की स्थापना जैसे अवस्थापना कार्यों को तेजी से पूरा किया जाए। इस मौके पर वन एवं पर्यावरण मंत्री अरुण कुमार सक्सेना, पुलिस महानिदेशक विजय कुमार, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, सूचना निदेशक शिशिर आदि उपस्थित थे।