नईदिल्ली, २० सितम्बर।
छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सली हिंसा के पीडि़त लोगों ने पहली बार दिल्ली में अपनी आपबीती सुनाई। नक्सली हिंसा में कोई न कोई अंग गंवा चुके इन लोगों की आपबीती और संघर्ष की कहानी सुनकर गृहमंत्री अमित शाह भावुक हो गए और सरकार की तरफ से हर संभव मदद का आश्वासन दिया। शनिवार को ये पीडि़त राष्ट्रपति से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपेंगे। इसके पहले वामपंथ के गढ़ रहे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय और दिल्ली विश्वविद्यालय में भी ये पीडि़त बस्तर में नक्सलियों की करतूतों को उजागर करेंगे। बस्तर शांति समिति के बैनर तले पहली बार नक्सली हिंसा की चपेट में परिवार के सदस्य के खोने और अपाहिज होने वाले लोग अपनी आपबीती सुनाने के लिए दिल्ली पहुंचे हैं।लगभग 100 पीडि़तों ने गुरूवार को गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करने के पहले जंतर-मंतर पर आम लोगों के सामने अपनी आपबीती सुनाई। बस्तर शांति समिति से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अभी तक बस्तर में नक्सली हिंसा को जायज ठहराने के लिए सुरक्षा बलों के खिलाफ दुष्प्रचार किया जाता था। नक्सलियों के मुखौटे संगठन सुरक्षा बलों की ज्यादतियों के बारे में मनगढंत कहानियां सुनाते थे। लेकिन नक्सली हिंसा के शिकार बस्तर के आम लोगों का दर्द देश की राजधानी तक नहीं पहुंचता था। पहली बार इन पीडि़तों का दर्द दिल्ली में सर्वोच्च स्तर तक पहुंच रहा है।