हरदा, २२ जुलाई ।
हरदा जिले के टिमरनी थाना क्षेत्र की करताना चौकी में 19 और 20 जुलाई की रात हुए एक व्यक्ति की हत्या की गुत्थी को पुलिस ने 36 घंटों के भीतर सुलझाने में सफलता हासिल की है। टिमरनी पुलिस ने इस हत्या के पीछे की मुख्य वजह का खुलासा किया है। दरअसल, करताना निवासी संतोष भूकर (45) को अपने दोस्त महेश जाट से 5 लाख रुपये लेने थे। संतोष ने महेश को पांच लाख रुपये उधार दिए थे।जब जरूरत पडऩे पर संतोष उधार दिए हुए अपने पैसे महेश से वापस मांगने लगा तो पहले तो वो अलग-अलग बहाने से उसे टरकाने लगा। लेकिन जब संतोष उसपर पैसों को लेकर ज्यादा दवाब बनाने लगा तो वह उससे तंग आ गया। इसके बाद उसने संतोष को रास्ते से हटाने की प्लानिंग की।
इसके बाद आरोपी महेश ने संतोष को किसी 19 जुलाई की रात करताना के अपने सूने मकान में शराब पीने के लिए बुलाया। महेश ने साजिश के तहत अच्छे से पेश आकर संतोष को खूब शराब पिलाया। जब उसने देखा कि संतोष काफी नशे में होने लगा, तो उसने मौका देखकर घर में रखी हथौड़ी से संतोष के सिर पर कई वार किए।पहले तो संतोष थोड़ी देर तक तड़पा इसके बाद वह कुछ देर बाद मौके पर ही मर गया। आरोपी महेश ने हत्या को दुर्घटना का रूप देने के लिए संतोष के शव को घर से घसीटकर रुंदलाय रोड पर बिजली के खंभे के पास फेंक दिया।
जिससे पुलिस को यह कोई हत्या न लगे, एक दुर्घटना लगे। जब स्थानीय लोगों में इस हत्या के बारे में पता चला तो उनमें काफी आक्रोश देखा गया।पुलिस द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को रविवार गोंदागांव से गिरफ्तार कर लिया गया। सोमवार उसे कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। एसपी अभिनव चौकसे ने हत्या के अंधे प्रकरण को सुलझाने में सफलता प्राप्त करने वाली टीम को नकद पुरस्कार देने की घोषणा की है।घटना को लेकर टिमनी एसडीओपी आकांक्षा तलया ने बताया कि 20 जुलाई सुबह करताना में रुंदलाय रोड पर संतोष, पिता महेश भूकर, उम्र 45 साल, निवासी करताना की खून से सनी लाश बिजली के खंभे के पास मिली थी। मामला सामने आने के बाद अज्ञात आरोपी के खिलाफ धारा 103(2) बीएनएस हत्या का प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया था।
स्थानीय मुखबिर तंत्र एवं व्यवसायिक दक्षता तथा साइबर सेल की सहायता से मृतक संतोष की हत्या से संबंधित साक्ष्य जुटाए गए। मृतक को महेश पिता रामगोपाल जाट उम्र 44 साल निवासी करताना से उधारी के 5 लाख रुपये लेना थे। मृतक संतोष उधारी के रुपये लेने के लिए बार-बार महेश जाट को बोल रहा था। महेश के पास उधारी चुकाने के लिए रुपये नहीं थे। वह रुपये मांगने की बात से बहुत परेशान हो गया था। इसलिए उसने एक साजिश के तहत अपने दोस्त की हत्या कर दी।