
 बलौदा। गैस पाइप लाइन बिछाने के लिए किसानों के खेत को मनमाने ढंग से खोदा जा रहा है। वहीं छोटे-बड़े पेड़ों की भी कटाई की जा रही है जबकि इसकी सूचना संबंधित किसान को भी नहीं दी गई है। किस कंपनी द्वारा यह कार्य किया जा रहा है। इसकी जानकारी राजस्व विभाग के अधिकारियों को भी नहीं है।बलौदा तहसील के नावापारा और आसपास के अन्य गांव रसोटा, पुरेना, नवगवां, बोकरामुड़ा से गैस सप्लाई के लिए पाइप लाइन बिछाने का काम चल रहा है। इसके लिए कई गांवों में खेतों की खोदाई कर दी गई है। वहीं पेड़ भी काटे जा रहे हैं।
जानकारी के अनुसार यह पाइप लाइन नागपुर और झारसुगुड़ा के बीच बिछाई जा रही है। कंपनी के अधिकारियों द्वारा किसानों को बिना मुआवजा दिये खेतो में कार्य शुरू कर दिया गया है । वहीं बिना अनुमति के किसानों के खेत के पेड़ों को जेसीबी से उखाड़ दिया जा रहा है । किसानों को पेड़ का मुआवजा की जानकारी भी नहीं दी जा रही है । पाइप लाइन के लिए किसानों की जमीन चिन्हित की गई है। पाइप लाइन बिछाने वाली कंपनी ने न तो शासन से अनुमति ली है और न ही किसानों को कोई मुआवजा दिया गया है। सीधे खेतों में खोदाई कर पाइप लाइन बिछाई जा रही है। इससे किसानों में आक्रोश है। किसानों का कहना है कि गैस पाइप लाइन बिछाने के बदले उन्हें जमीन का मुआवजा नहीं दिया जा रहा है जबकि छग सरकार के नियमानुसार टावर लाइन या पाइप लाइन गुजरने पर उस जमीन के बाजार भाव से 10 से 20 फीसदी की राशि किसानों को बतौर क्षतिपूर्ति दी जानी है।
इसके बाद भी जमीन पर कब्जा किसानों का रहेगा। फसल नुकसान और पेड़ों की क्षतिपूर्ति अलग से दिए जाने का प्रविधान हैं। बलौदा ब्लाक के ग्राम नावापारा के किसान श्यामलाल पाटले को बिना मुआवजा दिए खेतो में जबरदस्ती कार्य शुरू कर दिया गया । मंगलवार को सुबह किसान के द्वारा मुआवजा की मांग करने के बाद उसे भरोसा दिया गया । जैसे ही किसान दोपहर में घर गया तो जेसीबी से उसके खेत के पेड़ों को उखाड़ दिया गया , वहीं खेत को बराबर कर दिया गया । किसान के द्वारा विरोध करने पर कंपनी के कर्मचारियों के द्वारा पुलिसिया कार्रवाई की धमकी दी जा रही है। जिसके कारण किसानों में आक्रोश है। किसानों को बताया गया है कि जहां से पाइप लाइन गुजरेगी वहां 10 फीट गहरा और 4 फीट चौड़ा गड्ढ़ा खोदा जाएगा। यह कार्य किस कंपनी द्वारा किया जा रहा है इस संबंध में किसानों को भी कोई जानकारी नहीं है।
जिस जगह से होकर पाइप लाइन गुजर रही है, वहां किसान तुरंत फसल नहीं ले पाएंगे। वहीं भविष्य में भी इस जगह का दूसरा उपयोग नहीं कर पाएंगे। क्योंकि गैस पाइप लाइन के आसपास रिहायसी मकान बनाना भी उचित नहीं है। ऐसे में किसान चिंतित है।
जिस जमीन से पाइप लाइन या जमीन के ऊपर से टावर लाइन गुजरा है। उस जमीन के दोनों ओर 9 मीटर तक डायवर्सन नहीं होता। ऐसे में किसान अपने खुद की जमीन को खेती के अलावा अन्य प्रयोजन के लिए डायवर्सन भी नहीं करा सकते। किसानों की कीमत जमीन अनुपयोगी हो रही है मगर इससे किसी को भी सरोकार नहीं है।
 किस कंपनी द्वारा बिना अनुमति पेड़ों की कटाई और जमीन की खोदाई की जा रही है। इसकी जानकारी लेकर संबंधित कंपनी को नोटिस जारी किया जाएगा। उनके यहां पदस्थ होने से पहले स्वीकृति ली गई है या नहीं इसकी भी जानकारी ली जाएगी।
करूणा आहेर
तहसीलदार, बलौदा
 
		

