
लाहौर, १८ अगस्त । पाकिस्तान के जरांवाला में बुधवार को दो लोगों पर ईशनिंदा का आरोप लगाकर चर्च पर किए गए हमले में मुस्लिम समुदाय के हजारों लोग 10 घंटे तक तोडफ़ोड़ और आगजनी करते रहे। इस दौरान पुलिस मूकदर्शक बनी रही। भीड़ ने 21 चर्च को निशाना बनाया। साथ ही 50 घरों को आग लगा दी।लोग सड़कों पर राड, डंडा और चाकू लेकर घूम रहे थे और दोनों आरोपितों को उनके हवाले करने की मांग कर रहे थे। उन्होंने इस दौरान मूल्यवान समान भी लूट लिए। हालात इतने बिगड़ गए थे कि ईसाई समुदाय के लोगों को दूसरे इलाकों में भागकर शरण लेनी पड़ी। गुरुवार को एहतियातन जरांवाला में शैक्षणिक और व्यावसायिक संस्थान बंद रहे।पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की सरकार की ओर से गुरुवार को कहा गया कि अब तक 135 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है। इसमें तहरीक-ए-लबैक पाकिस्तान के भी सदस्य हैं। 600 संदिग्धों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। सरकार की ओर से मामले में उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं। चर्च और अल्पसंख्यकों के घरों के आसपास 3000 से अधिक पुलिसकर्मी और रेंजर्स की दो कंपनियां तैनात की गई हैं। जरांवाला इलाके में सात दिनों के लिए धारा 144 लागू की गई है।ईसाई समुदाय के लोगों ने आशंका जताई है कि मुस्लिम समुदाय के लोग फिर से हमला बोल सकते हैं। इस्लामाबाद पुलिस ने गुरुवार को अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के लिए 70 जवानों की टीम गठित की है। अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा है कि उन्हें ईशनिंदा के आरोप में पाकिस्तान में हुई हिंसा का पता है। हिंसा या हिंसा की धमकी कभी भी अभिव्यक्ति का स्वीकार्य रूप नहीं हो सकती।