इस्लामाबाद। पाकिस्तान अपने इतिहास के सबसे बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहा है। जरूरी रोजमर्रा के सामानों की किल्लत से लेकर आम जनता आटा-दाल तक के लिए पहले ही मोहताज है। आटा के बाद अब देश में बिजली को लेकर लोग परेशान हैं।एआरवाई न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में बिजली की कीमतें पिछले एक साल में 14वीं बार बढ़ी हैं। इन बढ़ती बिजली की कीमतों के कारण पाकिस्तानी नागरिकों पर बोझ बढ़ गया है। मिली जानकारी के अनुसार, जुलाई 2023 से अगस्त 2024 तक 14 बार बिजली की किमतों को संशोधित किया गया है। इस बढ़ती बिजली की किमतों के परिणामस्वरूप उपभोक्ताओं पर 455 अरब रुपये से अधिक की अतिरिक्त लागत आएगी। इन समायोजनों से बिजली की कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिसमें मार्च 2024 में 7.06 रुपये प्रति यूनिट की सर्वाधिक वृद्धि होगी। बिजली की कीमतों में लगातार बदलाव के कारण नागरिकों के लिए अपने खर्चों का प्रबंधन करना चुनौतीपूर्ण हो गया है। लोगों ने पाकिस्तान सरकार से जनता को राहत प्रदान करने के लिए ईंधन समायोजन तंत्र की समीक्षा करने का आग्रह किया है। पिछले सप्ताह राष्ट्रीय विद्युत शक्ति विनियामक प्राधिकरण (एनईपीआरए) ने पाकिस्तान में बिजली की दरों में 2.56 पाकिस्तानी रुपए प्रति यूनिट की वृद्धि की घोषणा की। इस वृद्धि से वित्तीय तनाव और बढ़ गया है, क्योंकि उपभोक्ता पहले से ही बढ़ती ऊर्जा लागत से जूझ रहे हैं।
पाकिस्तान के लोगों को अगस्त में मिलेंगे बढ़े हुए बिजली बिल
इस बीच, इस महीने की शुरुआत में के-इलेक्ट्रिक ने घोषणा की कि पाकिस्तान के कराची में बिजली उपभोक्ताओं को अगस्त में बढ़े हुए बिजली बिल मिलेंगे। एआरवाई न्यूज ने इसकी जानकारी दी। अधिसूचना में कहा गया है कि बिलों में तीन महीने का समायोजन शामिल होगा, जिसके कारण ग्राहकों को प्रति यूनिट 3.22 पाकिस्तानी रुपए (पीकेआर) का भुगतान करना होगा।