कोरबा । कोरबा जिले के कटघोरा-बिलासपुर के सडक़ मार्ग पर स्थित पाली विकासखंड को 2007 में व्यवहार न्यायालय की सौगात मिली थी। प्रशासन ने तात्कालिक रूप से व्यवहार न्यायालय के लिए सामुदायिक भवन को व्यवस्था के तौर पर उपलब्ध कराया था, तब से अब तक सामुदायिक भवन में ही व्यवहार न्यायालय संचालित हो रहा था। व्यवहार न्यायालय खुलने से आसपास के ग्रामीणों एवं पीडि़तों को तत्काल न्याय सुलभ होने लगा, लेकिन पर्याप्त जगह न होने के कारण न्यायालीन प्रकिया में काफी असुविधा हो रही थी। अब यह सामुदायिक भवन काफी पुराना होने के कारण जीर्णशीर्ण अवस्था में भी पहुंच चुका है और अब सर्वसुविधायुक्त नए भवन निर्माण की आवश्यकता तीव्र हो गयी हैं। यु तो अधिवक्ता संघ पाली, व्यवहार न्यायालय के लिए नए एवं सर्वसुविधायुक्त भवन निर्माण की मांग वर्षों से प्रशासन से करते आ रहा है, लेकिन पर्याप्त जगह न मिलने के कारण भवन निर्माण का मार्ग प्रशस्त नहीं हो पा रहा था, ऐसे में प्रशासन को पाली ब्लाक मुख्यालय से 5 किमी दूर ग्राम पोड़ी में जगह मिली थी, लेकिन यहां भी लोगों ने आपत्ति जतायी। इसके बाद अधिवक्ता संघ ग्राम पाली में जमीन की तलाश में खुद जुट गया और वहां पूर्व में संचालित बिसाहूदास महंत महाविद्यालय एवं पास ही लगी एक एकड़ से अधिक जमीन का प्रस्ताव प्रशासन को भेजा गया था। प्रशासन ने उक्त जमीन को जांचा-परखा और राजस्व जमीन होने के कारण यहां व्यवहार न्यायालय के लिए भवन निर्माण को सुनिश्चित कर दिया। अब व्यवहार न्यायालय के लिए सर्वसुविधायुक्त विशाल भवन निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो गया हैं। इससे वहां के नागरिको में भी अत्यंत हर्ष व्याप्त हैं।
अधिवक्ता संघ पाली ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर प्रशासन की इस पहल के लिए आभार जताया है, और प्रशासन से मांग भी की है, कि जमीन अब उपलब्ध हो गई है। इस हेतु निर्माण की प्रक्रिया शीघ्र ही प्रारंभ की जाए ताकि शीघ्रा अतिशीघ्र व्यवहार न्यायालय को एक अदद भवन मिल सके। न्यायालीन प्रक्रिया का शीघ्र निपटारा करने की दिशा में न्यायालय और न्यायालीन प्रक्रिया से जुड़े अधिवक्ताओं, पीडि़तों को सहज, सरल और सुलभ सर्वसुविधायुक्त भवन मिल सके।
अधिवक्ता संघ पाली ने व्यवहार न्यायालय के संचालन को पाली के लिए गौरव की बात बताते हुए कहा हैं कि अब जिलाधीश की इस पहल से व्यवहार न्यायालय को नया भवन मिलने जा रहा है। नए भवन के निर्माण के साथ पाली का महत्व और बढ़ जाएगा, जो नगर के लिये गौरव की बात है। व्यवहार न्यायालय के अदद संचालन से पाली का व्यापार भी बढ़ेगा और रोजगार सृजन भी होगा। अधिवक्ता संघ पाली ने नगर पंचायत अध्यक्ष उमेश चंद्रा का भी आभार जताते हुए कहा हैं कि नगर पंचायत द्वारा इस भवन के लिए सभी आवश्यक अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिए गए हैं, इसके साथ ही अन्य 6 विभागों ने भी इस भवन के लिए आवश्यक अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिए है। इस भवन निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने में जिलाधीश के साथ पाली एसडीएम, तहसीलदार की भी अहम भूमिका है, हम सभी के प्रति आभार एवं कृतज्ञता जाहिर करते हैं। अधिवक्ता संघ ने यह भी कहा है, इस भवन का निर्माण हो जाने से पक्षकारों एवं अधिवक्ताओं को भी सुविधा मिलेगी और नगर पंचायत क्षेत्र का विकास आगे बढ़ेगा।
अधिवक्ता संघ पाली ने बताया कि बिसाहू दास महंत महाविद्यालय शिक्षा के लिए एक माईल स्टोन था, जहां पर अध्ययन कर छात्र कई क्षेत्रों में अपना नाम रोशन कर रहे हैं, लेकिन अब उक्त महाविद्यालय बंद हो चुका है और क्षेत्र में शासकीय महाविद्यालय भी बन गया है। संघ के सदस्यों ने बताया कि सिर्फ उक्त जमीन के लिए महाविद्यालय प्रबंधन ने ही दावा/आपत्ति की थी, लेकिन दस्तावेज न होने के कारण प्रशासन ने उनकी उक्त दावा/आपत्ति को खारिज कर दी। अब भवन निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो गया है।