
देर रात स्टेशन में भटकते मिली किशोरी को पहुंचाया परिजन तक
कोरबा। कोरबा जिले में आरपीएफ और पुलिस अफसरों की संवेदनशीलता उस समय सामने आई, जब जांच में जुटी संयुक्त टीम की नजर देर रात स्टेशन में भटक रही एक किशोरी पर पड़ी। अफसरों ने मानसिक रूप से कमजोर किशोरी और परिजनों को बिछडऩे से बचा लिया। यदि टीम सामान्य यात्री समझ अनदेखी करती तो वह ट्रेन में सवार होकर दूर जा सकती थी। बहरहाल अफसरों ने किशोरी को सुपुर्द कर परिवार के चेहरे की मुस्कान लौटा दी है।
कोरबा जिला पुलिस अधीक्षक जितेंद्र शुक्ला ने विधानसभा चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने दिशा-निर्देश जारी किये है। उनके निर्देश और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा के मार्गदर्शन में नगर पुलिस अधीक्षक भूषण एक्का व नगर कोतवाल रूपक शर्मा ने शहर में स्थित होटल, ढाबों के अलावा बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन सहित सामूहिक स्थान पर जांच अभियान शुरू कर दी है। इसी कड़ी में शुक्रवार की रात करीब 10 बजे नगर पुलिस अधीक्षक एक्का व कोतवाली प्रभारी श्री शर्मा मातहत अधिकारी व जवानों के साथ रेलवे स्टेशन पहुंचे। उन्होंने आरपीएफ प्रभारी आरएस चंद्रा और उनकी टीम के साथ रेलवे स्टेशन का निरीक्षण कर रहे थे। इसी दौरान अफसरों की नजर प्लेटफार्म नंबर एक में खड़ी किशोरी पर पड़ी। पूछताछ करने पर वह अलग-अलग जवाब देने लगी, जिससे संयुक्त टीम को संदेह हुआ। संयुक्त टीम सुरक्षा के लिहाज से किशोरी को आरपीएफ पोस्ट ले आई। अफसर अभी किशोरी के संबंध में जानकारी जुटा ही रहे थे, इसी बीच एक व्यक्ति रेलवे स्टेशन पंहुचा। उसने स्टेशन के बाहर खड़े पुलिस और आरपीएफ के अफसरों को मोबाइल पर तस्वीर दिखाते हुए अपनी बेटी के कहीं चले जाने की जानकारी दी। इस तस्वीर पर नजर पढ़ते ही अफसरों की आंखों में चमक दिखाई दी।
उन्होंने खरमोरा निवासी व्यक्ति को उसकी बेटी के आरपीएफ पोस्ट में सुरक्षित रखे जाने की जानकारी दी। पूछताछ करने पर पता चला कि किशोरी की मानसिक स्थिति थोड़ी कमजोर है, वह एक बार पहले भी घर में बिना बताए कहीं चली गई थी। मामले से वाकिफ होने के बाद किशोरी को पिता के सुपुर्द कर दिया। मामले में खास तो यह है कि संयुक्त टीम जांच कर रही थी। इस दौरान एक ट्रेन रवाना होने वाली थी। यदि टीम सामान्य यात्री समझ किशोरी की अनदेखी करती तो वह ट्रेन में सवार होकर कहीं दूर जा सकती थी।