सूरजपुर। पुलिस फोर्स के पास लोगों की सुरक्षा, अपराध नियंत्रण एवं आपराधिक मामलों की विवेचना करने सहित बहुत सी जिम्मेदारियां है लेकिन इसके बावजूद भी जब कोई पीडि़त व्यक्ति पुलिस के पास आए तो उसे आदर सम्मान के साथ बैठाकर संवेदनशीलता के साथ उसकी समस्या को सुने और कार्यवाही करते हुए उसे संतुष्ट कर थाना से वापस भेजे, उक्त बाते सोमवार, 05 सितम्बर 2024 को वरिष्ठ आरक्षकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन अवसर पर डीआईजी व एसएसपी सूरजपुर श्री एम.आर.आहिरे (भापुसे) ने कही। डीआईजी एवं एसएसपी सूरजपुर ने कहा कि अभी तक अपराध की विवेचना का अधिकार प्रधान आरक्षकों से ऊपर रेंक वाले अधिकारी को ही था किन्तु छत्तीसगढ़ शासन के निर्देश के बाद अब छोटे-छोटे मामलों की विवेचना वरिष्ठ आरक्षकगण कर सकेंगे। पुलिस विभाग में आरक्षकों का संख्याबल सबसे अधिक है ऐसे में वरिष्ठ आरक्षकों को विवेचना का अधिकार दिया जाना महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। 4 सितम्बर 24 से प्रांरभ हुए 5 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में 450 वरिष्ठ आरक्षकों को विभिन्न धाराओं, विषयों को लेकर प्रशिक्षित किया गया है, आगामी दिनों में वरिष्ठ आरक्षकगण मामले की विवेचना करते दिखाई देंगे। उन्होंने ट्रेनिंग के औचित्य के बारे में बताते हुए कहा कि विभाग में ट्रेनिंग का बहुत महत्व है।