नईदिल्ली, २१ दिसम्बर । संसद परिसर में कुछ दिनों पहले टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी द्वारा राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ का मजाक उड़ाया गया। इस मामले पर भाजपा ने विपक्षी नेताओं के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया दी है। वहीं, संसद सुरक्षा उल्लंघन की घटना के बारे में केंद्रीय मंत्री अमित शाह से बयान की मांग करते हुए हंगामा करने और दोनों सदनों की कार्यवाही में बाधा डालने के लिए अब तक कुल 143 सांसदों को निलंबित कर दिया गया है। लोकसभा से 97 सांसद और राज्यसभा से 46 सांसदों को निलंबित कर दिया गया है। सांसदों के निलंबन और विपक्षी नेताओं द्वारा राज्यसभा के सभापति के मजाक उड़ाए जाने पर पूर्व कानून और न्याय मंत्री अश्विनी कुमार ने अपनी प्रतिक्रिया साझा की है। उन्होंने कहा कि उपराष्ट्रपति की नकल संवैधानिक पद की गरिमा को कम करती है। हालांकि, संसद से सांसदों का निलंबन अनुचित है। उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति की मिमिक्री पर बोलते हुए अश्विनी कुमार ने कहा, मिमिक्री कभी एक कला का रूप ले लेती है तो कभी दूसरा रूप ले लेती है। अगर इस मिमिक्री से उपराष्ट्रपति को ठेस पहुंची है तो ये उनका अपना अनुभव है। लेकिन मुख्य बात मुद्दा यह नहीं है, मुद्दा यह है कि क्या हम इसके लिए संसद सदस्यों को निलंबित कर सकते हैं। मेरा मानना है कि यह अनुचित है। समाचार एजेंसी से बात करते हुए अश्विनी कुमार ने कहा, मेरा मानना है कि उपराष्ट्रपति को लेकर जिस तरह की मिमिक्री की गई है वो नहीं होनी चाहिए थी। इससे उपराष्ट्रपति पद की प्रतिष्ठा कम होती है और अगर किसी संवैधानिक पद की प्रतिष्ठा कम होती है तो आप मान सकते हैं कि हमारे संविधान का लोकतंत्र प्रभावित हुआ है। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा और राज्यसभा में हंगामा करने पर विपक्षी सांसदों पर कार्रवाई की गई है। लोकसभा और राज्यसभा से निलंबन को लेकर विपक्षी सदस्य संसद परिसर मकर द्वार पर में विरोध जता रहे थे। इस दौरान टीएमसी सांसद ने राज्यसभा के सभापति की मिमिक्री की।