कोरबा 8 फरवरी। दर्री स्थित सिंचाई कॉलोनी और आसपास की बसाहट वाले ऐसे परिवारों के लोगों ने आज पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल से मुलाकात कर सामूहिक ज्ञापन सौंपते हुए अपने घरों को उजाड़ने से बचाने की फरियाद लगाई जिनके मकान सी.एस.ई.बी. के 1320 मेगावॉट के प्रस्तावित ताप विद्युत संयंत्र परियोजना निर्माण के दायरे में आ रहे हैं। बस्तीवासियों ने अवगत कराया कि उस पूरे क्षेत्र में सिंचाई विभाग के निवासरत कर्मचारियों के 47 मकान उस दायरे में आ रहे हैं जबकि पुराने जर्जर हो चुके सिंचाई विभाग के ही 42 मकानों में लगभग 50 साल से दूसरे लोग निवासरत हैं। इसी प्रकार से सिंचाई विभाग की खाली पड़ी हुई जमीन पर 105 अन्य ऐसे लोग अपना मकान अथवा झोपड़ी बनाकर निवासरत हैं। इस प्रकार से इस परियोजना के दायरे में कुल 194 परिवारों के आशियाने आ रहे हैं जिनमें से 47 मकान सिंचाई विभाग के कर्मचारियों के हैं। मुलाकात के समय फरियादियों ने बताया कि सी.एस.ई.बी. और सिंचाई विभाग के बीच हुई सहमति के आधार पर विभागीय कर्मचारियों के लिए अलग से व्यवस्था किए जाने की बात हुई है लेकिन इसके अलावा इस परियोजना से प्रभावित होने वाले शेष 155 परिवारों के संबंध में किसी प्रकार की वैकल्पिक व्यवस्था किए जाने की कोई जानकारी नहीं है।

बस्तीवासियों ने बताया कि लगभग 45-50 सालों से वे उस क्षेत्र में निवास कर रहे हैं और वर्तमान समय में उनकी दूसरी पीढ़ी चल रही है। वहां निवास करने के लिए उनके द्वारा एक तरफ जहां सी.एस.ई.बी. को बिजली बिल का नियमित भुगतान किया जाता है तो दूसरी तरफ पानी, सड़क अथवा अन्य सुविधाओं के नाम पर नगर पालिक निगम को विधिवत् कर का भुगतान भी किया जाता है। आज जब उनके ऊपर इस तरह की अप्रत्याशित विपदा आन पड़ी है तो न ही सिंचाई विभाग और न ही किसी और एजेन्सी को उन परिवारों के बसाहट की चिंता है।

फरियादियों ने ज्ञापन में अपनी मांग रखते हुए कहा है कि उक्त भूखण्ड की जरूरत सरकार को है तो उसे खाली करने के लिए वे सभी तैयार हैं लेकिन उससे पहले तोड़े जाने वाले झुग्गी-झोपड़ी के प्रभावित परिवारों शासन द्वारा उचित मुवाअजा दिलाए जाने के साथ ही रूमगरा क्षेत्र में सिंचाई विभाग की खाली पड़ी जमीन पर अथवा अन्य उपयुक्त स्थान पर बसाहट के लिए भूखण्ड उपलब्ध कराया जाए ताकि वे अपना नया आशियाना बनाकर सुकून से विस्थापित हो सकें।

पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपने के लिए प्रभावित हो रहे परिवारों से लगभग 25-30 महिला पुरूष पहुंचे थे जिनमें इमरान मेमन, सूरज वर्मा, इकलास मेमन, ऊषा साहू, हेमलता कश्यप सुनीति साहू, केशर सोनी व माधुरी सोनी प्रमुख थे।