कोरबा। कुत्तों का प्रजनन काल नजदीक है लेकिन इससे पहले ही उनके हमले बढ़ गए हैं। हर रोज यहां-वहां इनके काटने की घटनाएं हो रही है। इससे लोग परेशान हैं। संख्या कम कैसे हो, यह चुनौती है। नगर निगम ने पहले की तरह इस प्रकार के जीवों के आंकड़े को कम करने के लिए बधियाकरण (कुत्तों का नसबंदी) कराने का मन बनाया है।
तीन वर्ष पहले जबलपुर की एनिमल वल्र्ड को इस काम का ठेका दिया था जिसमें 600 से अधिक कुत्तों की नसबंदी कराई थी। प्रति यूनिट के हिसाब से कैंप आयोजित करने के साथ इस काम को कराया गया। उस समय संभावना जताई गई थी कि ऐसा करने से आने वाले समय में कुत्तों की बढ़ती संख्या पर रोक लगाई जानी संभव होगी और शहरी क्षेत्र में मौजूद चुनौतियां कम होगी। कारण की जानकारी तो नहीं मिल सकी लेकिन यह नजर आ रहा है कि कोरबा क्षेत्र में यहां-वहां आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ गई है। इनकी पहुंच कहां से हुई, यह जानना भी जरूरी हो गया है। कोरबा के अलग-अलग हिस्सों में कुत्तों की उपस्थिति के साथ लोगों का पीछा करने, उन्हें दौड़ाने के साथ काटने जैसे मामले बढ़ते जा रहे हैं। इन सबके बीच अब बड़ी चुनौति यह भी है कि अगले कुछ महीनों में यह वर्ग प्रजनन की तरफ बढ़ेगा और उस दौरान स्थिति अब की तुलना में अप्रत्याशित हो जाएगी। कोरबा के महापौर राजकिशोर प्रसाद ने बताया कि कुत्तों की गतिविधियों के बारे में जानकारी मिल रही है। निगम ने इस विषय को ध्यान में लिया है। जल्द ही योजना बनाने के साथ आवारा कुत्तों की नसबंदी कराने का काम किया जाएगा। इसके साथ ही अपने पालतू कुत्तों को रैबिज के इंजेक्शन लगाने के लिए कहा है, जिनमें लोगों ने अपने घर और संस्थान में पालतू कुत्ते रखे हैं।
सेल्टर केंद्र बनाया था निगम ने
महापौर जोगेश लाम्बा के कार्यकाल में नगर निगम ने पंप हाउस क्षेत्र में आवारा कुत्तों से लोगों की दूरी बनाने और तमाम खतरों को नियंत्रित करने के लिए सेल्टर केंद्र बनाया था। काफी समय तक यह केन्द्र चला और इससे समस्या को कंट्रोल करने में राहत मिली। बाद में निगम की सत्ता बदली और सब कुछ शून्य हो गया।
इसलिए होते हैं हमले
कुत्तों की हरकतों और उनके स्वभाव के बारे में दिलचस्पी रखने वाले लोग शहर में मौजूद हैं। उनका कहना है कि पालतू कुत्तों की जरूरत पालक किया करते हैं लेकिन यहां-वहां विचरण करने वाले कुत्तों के मामले में समस्या होती है। भोजन के अभाव में वे यहां-वहां मुंह मारते हैं और फिर जरूरत पूरी नहीं होने पर लोगों पर हमला कर देते हैं। लोगों को इस बारे में सोचना होगा।