कोरबा। दीपावली के सीजन की शुरुआत धनतेरस के साथ शुरू हो गई है। अलग-अलग कारण से धनतेरस पर चांदी के सिक्कों की पूजा करने को लेकर लोग गंभीरता दिखाते हैं। लोगों को याद रखना चाहिए कि ऐसी सीजन में असली के साथ-साथ नकली चांदी के सिक्के भी खप जाते हैं। व्यस्तता और दूसरे कारण से खरीदी करने वाला वर्ग इस बारे में ना तो गंभीरता दिखाता है और ना ही पूछताछ करने की जरूरत समझता है। इसका भरपूर फायदा उठाते हुए कई व्यवसायी इस मौसम में चांदी के नकली सिक्के आसानी खपाने में सफल हो जाते हैं।
लेकिन समय के साथ सराफा कारोबारी ने अब ग्राहकों को जागरूक करना भी शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि असली चांदी से संबंधित सिक्के और सभी उत्पादों में इस बात का उल्लेख होता है कि इसमें कितने प्रतिशत चांदी है। साथ ही असली उत्पाद में सील भी लगी होती है। यह उसके प्रमाणीकरण का प्रमुख आधार होता है और लोगों को इस बात की गारंटी दी जाती है कि यही सियोरिटी है। जबकि नकली चांदी की सत्यता पर रखने के लिए कई प्रकार की तकनीक इस क्षेत्र में बनी हुई है और इसके माध्यम से इसका परीक्षण भी कर लिया जाता है। कहां जा रहा है कि जब भी वे महंगे उत्पाद खरीदें वे मौके पर ही मशीन के माध्यम से इसकी गुणवत्ता का परीक्षण भी करवा सकते हैं क्योंकि यह उनका उपभोक्ता अधिकार भी है।