
दिल्ली-एनसीआर समेत आसपास के इलाकों की हवा जहरीली हो गई है. लोगों का खुलकर सांस लेना भी दुश्वार हो गया है. एयर क्वॉलिटी इंडेक्स आए दिन खतरनाक लेवल क्रॉस कर रहा है. वायु प्रदूषण बढऩे की वजह से लोगों की सेहत में गंभीर नुकसान देखने को मिल रहे हैं. पॉल्यूशन लोगों के फेफड़ों को बीमार कर रहा है. वहीं दिल से जुड़ी बीमारियों के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. इसके साथ ही कई रिसर्च में प्रदूषण की वजह से कैंसर होने के खतरे की बात भी सामने आ रही है. इन सभी के पीछे का कारण है एक महीन कण पीएम 2.5 (पार्टिकुलेट मैटर 2.5). यही सभी बीमारियों की जड़ है. वायु में घुले इस बारीक कण की वजह से ही लोग बीमार पड़ रहे हैं. ये सांस के जरिए सीधे लोगों के फेफड़ों में पहुंच रहा है. इससे बचने का सिर्फ एक ही तरीका है वो है मास्क. अब लोगों में मास्क को लेकर भी बड़ी कंफ्यूजन है कि कौन सा मास्क दिल्ली जैसे प्रदूषण से बचाव कर सकता है. आइए जानते हैं एन95 बनाम एन99 मास्क में कौन सा मास्क आपके लिए बेहतर रहेगा. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक एन95 मास्क मेडिकल तौर पर सबसे ज्यादा इफेक्टिव होता है. दिल्ली-एनसीआर में जो लोग रोजाना प्रदूषण के संपर्क में आते हैं उनके लिए 95त्न फिल्ट्रेशन रेट के लिए एफएफपी1 मास्क अच्छा साबित हो सकता है. इससे फायदा न मिले तो एन95 मास्क का यूज करें. एन95 मास्क पीएम 2.5 और अन्य प्रदूषक को 95त्न तक फिल्टर कर सकता है. एन99 मास्क प्रदूषण को पूरी तरह रोक नहीं पाता है. लेकिन काफी हद तक छोटे कणों को शरीर के अंदर जाने से रोक सकता है. एन100 मास्क -एन100 मास्क हाई लेवल फिल्टरेशन का काम करते हैं. एन100 99.97त्न तक प्रदूषक तत्वों को फि़ल्टर करता है. इनका इस्तेमाल बहुत अधिक प्रदूषित जगहों पर किया जाता है. इनमें सांस लेना थोड़ा मुश्किल होता है. इसे ज्यादा देर तक इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. पी95 मास्क ऑयल बेस्ड पार्टिकल्स से बचाव करता है. नॉन-ऑयल और ऑयल बेस्ड पार्टिकल्स जैसे प्रदूषण वाले वातावरण के लिए परफेक्ट हैं. इन्हें शॉर्ट टर्म के लिए यूज कर सकते हैं. एक्सपर्ट के अनुसार पीएम 2.5 (पार्टिकुलेट मैटर 2.5) कणों की वजह से बचने के लिए हमेशा ऐसा मास्क खरीदना चाहिए जिनकी सील पक्की हो. इसके साथ ही इस बात का खास ख्याल रखें की उनमें कार्बन डाइऑक्साइड को बाहर निकालने के लिए वॉल्व भी बना हो.