जांजगीर । बीज निगम के माध्यम से किसानों को प्रमाणित बीज दिया जाता है लेकिन प्रमाणित बीज भी क्वालिटी भी सही नहीं निकल रही है कृषि विभाग की जांच में इसका खुलासा हुआ है। बीजों की क्वालिटी जांच के लिए कृषि विभाग के द्वारा बलौदा ब्लॉक अंतर्गत खैजा सोसायटी से एमटीयू 1156 बीज (धान) का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा था। जिसकी रिपोर्ट अमानक निकली है।
इसी तरह पामगढ़ ब्लॉक के ग्राम भंवतरा के साहू कृषि केंद्र से कीटनाशक दवा का सैंपल भी जांच में फेल निकला है। लेकिन जब तक कृषि विभाग को इनके अमानक होने की रिपोर्ट मिली तब तक उक्त बीज और कीटनाशक दवा किसानों को बेची जा चुकी था। रिपोर्ट मिलने के बाद कृषि विभाग के द्वारा उक्त बीज और कीटनाशक दवा की बिक्री पर प्रतिबंध तो लगा दिया है लेकिन किसानों के द्वारा बीज सोसायटी से लेने के बाद खेतों में लगा भी दिया है। ऐसे में फसल प्रभावित होने की चिंता किसानों को होगी।
कृषि विभाग के द्वारा हर साल जिले में सहकारी समितियों और निजी दुकानों से खाद-बीज और कीटनाशक दवाओं का सैंपल लेकर जांच कराने भेजा जाता है। इसी कड़ी में खरीफ सीजन 2023-24 में अब तक बीज का 115 नमूना लेकर जांच के लिए लैब भेजा गया है। 20 जुलाई तक स्थिति मेें 110 की रिपोर्ट आई है। इसमें खैजा सोसायटी से लिया एक बीज का सैंपल अमानक निकला। वहीं 4 की रिपोर्ट अभी नहीं आई है। इसी तरह निजी दुकानों से कीटनाशक दवा के 9 सैंपल लिए हैं। तीन की रिपोर्ट आई है जिसमें भंवतरा साहू कृषि केंद्र से लिए प्रोफेनो फास्ट प्ल्स साइपर कीटनाशक दवा जांच में अमानक निकली।
कितने किसानों ने खरीदा इसकी जानकारी नहीं
कृषि विभाग के मुताबिक उक्त लॉट के बीज की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया था लेकिन बता दें, सैंपल लेने के बाद अमानक रिपोर्ट आते तक खैजा सोसायटी से उक्त पूरा बीज किसानों के द्वारा उठा लिया गया था। बीज निगम के अफसरों की माने तो एक लॉट में करीब 15 क्विंटल बीज ही भेजा गया था। अमानक रिपोर्ट कृषि विभाग को 17 जून 2023 को मिली है लेकिन कितने किसानों ने यह बीज खरीदा है इसकी जानकारी अब तक नहीं है। कृषि विभाग सोसायटी से जानकारी मांगी जाने की बात कह रहा है। इसी तरह भंवतरा में जो कीटनाशक दवा अमानक निकली थी वहां करीब 15 लीटर दवा थी जिसे रिपोर्ट आते ही किसानों को बेचा जा चुका था। दवा माहो और तनाछेदक से बचाव में काम में आती है।
घटिया बीज मिलने की कई शिकायतें
जांजगीर-चांपा और सक्ती जिले में हर साल इसी तरह की शिकायतें सुनने को मिलती है बीज बोने के बाद भी कभी अंकुरण ही नहीं हुआ तो कभी आधे बीज ही अंकुरित हुए। इसी तरह डुप्लीकेट कीटनाशक और खाद के नाम से भी किसान ठगे जाते हैं। क्योंकि जांच खानापूर्ति की तरह होती है।
किसानों को सही और गुणवत्तायुक्त कृषि सामग्री मिले, इसीलिए ही बीज, कीटनाशक दवाओं के सैंपल लेकर जांच कराई जाती है। एक कीटनाशक और एक बीज की रिपोर्ट अमानक निकली है जिसकी बिक्री पर तत्काल रोक लगा दिए हैं। जिन किसानों ने बीज लेकर बोआई है उसकी खेतों का निरीक्षण किए हैं, अभी तो अंकुरण बढिय़ा आया है। किसानों को कोई शिकायत नहीं आई है।
एमडी मानकर, डीडीए
एक लॉट का बीज की रिपोर्ट अमानक मिलने की जानकारी कृषि विभाग से मिली है। हालांकि अमानक इस्ेक्ट (कीट) है जिसमें कुछ दानों में छेद होने से ऐसा हुआ है। अंकुरण में किसी तरह की समस्या नहीं आएगी।
एके यादव, प्रभारी बीज निगम खोखसा