
जांजगीर- चांपा। विधानसभा चुनाव के लिए पीठासीन व मतदान अधिकारियों को प्रशिक्षण विभिन्न् ब्लाकों में चल रहा है। इस प्रशिक्षण में प्राइमरी स्कूल के प्रधान पाठकों को पीठासीन अधिकारी का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जबकि उनसे पद व वेतन में वरिष्ठ व्याख्याताओं को मतदान अधिकारी क्रमांक 1 का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अब व्याख्याता जो हाई व हायर सेकेंडरी स्कूल में अध्ययन कराते हैं और पूर्व के चुनावों में पीठासीन अधिकारी का दायित्व निभा चुके हैं वे प्राइमरी स्कूल के प्रधान पाठक के अधीस्थ ड्यूटी करेंगे।
विधानसभा चुनाव के लिए जिले में 17 नवंबर को मतदान होना है। इसके लिए 17 से 20 अक्टूबर तक पीठासीन अधिकारी व मतदान अधिकारियों को प्रशिक्षण विभिन्न् ब्लाकों में दिया जा रहा है। इस प्रशिक्षण में पद क्रम और वरिष्ठता की अनदेखी की गई है। प्राइमरी और मिडिल स्कूल के प्रधान पाठकों को पीठासीन अधिकारी का प्रशिक्षण दिया गया है। वहीं व्याख्याताओं को मतदान अधिकारी क्रमांक 1 का प्रशिक्षण दिया गया है। ऐसे में पद और वेतनमान में वरिष्ठ होते हुए भी उन्हें अपने से कनिष्ठ पद पर पदस्थ कर्मचारियों के अधीनस्थ ड्यूटी करना पड़ेगा ।
जबकि व्याख्याता पूर्व में पीठासीन अधिकारी की ड्यूटी कर चुके हैं। ज्यादातर प्रधान पाठक एक भी बार पीठासीन अधिकारी नहीं रहे हैं और उन्हें पहली बार में ही ये जिम्मेदारी दिए जाने से वे अपने कर्तव्य का निर्वहन सही तरीके से कर पाएंगे या नहीं इसको लेकर भी संशय है। कई शिक्षक संगठनों ने भी प्रशिक्षण में वरिष्ठता की अनदेखी किए जाने पर नाराजगी जताई है और शुक्रवार को इस संबंध में जिला निर्वाचन अधिकारी को शिकायत करने की भी बात कही है।
पीपीएस में आहरण संवितरण अधिकारियों के द्वारा कर्मचारियों के नाम को दर्ज किया गया है। वहीं से पद की वरिष्ठता व वेतनमान के आधार पर एंट्री नहीं होगी। इस त्रुटी में सुधार कर लिया जाएगा।