शिमला, २६ जुलाई [एजेंसी]।
प्लास्टिक विनिर्माण उद्योगों के परामर्श से हिमाचल प्रदेश में प्लास्टिक वस्तुओं के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लागू किया जाएगा और एक वर्ष के भीतर एक नीति बनाई जाएगी और प्लास्टिक के विकल्प तलाशे जाएंगे तथा प्लास्टिक उद्योगों को इसके विकल्प तलाशने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। ये निर्णय पर्यावरण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक और बाई बैक पॉलिसी को लेकर आयोजित बैठक के अवसर पर लिया है।निदेशक पर्यावरण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी डीसी राणा ने इस बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्लास्टिक के उपयोग को बंद किया जाना है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में लोक निर्माण विभाग द्वारा अपने हर उप मंडल में एक किलोमीटर सडक़ प्लास्टिक से बनाई जानी है। इसके तहत स्थानीय निकाय लोगों से 75 रुपये प्रति किलो की दर से सिंगल यूज यानी केवल एक बार उपयोग होने वाले प्लास्टिक को खरीदेगा और लोक निर्माण विभाग को 34 रुपये प्रति किलो की हिसाब से देगा। जबकि बाकी 41 रुपये पर्यावरण विभाग स्थानीय निकायों को देगा।इसे लागू करने व राज्य में प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन के कार्यान्वयन के लिए निदेशक पर्यावरण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग डीसी राणा की अध्यक्षता में शहरी स्थानीय निकायों, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के प्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजित की। इस बैठक में उन्होंने सिंगल यूज प्लास्टिक के कचरे को खरीदने के साथ लोगों को अलग-अलग कर देने को कहा। वर्ष 2019 में शुरू की गई बाय बैक पॉलिसी के तहत अभी तक हिमाचल प्रदेश राज्य में शहरी स्थानीय निकायों द्वारा 2,75,000 किलोग्राम एकल उपयोग प्लास्टिक एकत्र किया गया है। प्रदेश में लोक निर्माण विभाग के कुल 230 उपमंडल है और मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा के तहत 230 किलोमीटर सडक़ बननी है। अभी तक 227 किलोमीटर सडक़ बनी है। हालांकि लोक निर्माण विभाग के उपमंडलों में बहुत से उपमंडल है जिनमें ये सडक बनी ही नहीं है।