जांजगीर-चांपा। नपा के प्लेसमेंट कर्मचारी के बाद अब रेगुलर कर्मचारियों ने भी मोर्चा खोल दिया है। 6 सूत्रीय मांगों को लेकर आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल में चले गए। ऐसे में नगरीय निकायों में सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा जाएगी। साथ ही किसी प्रकार का काम नहीं होगा। पहले से ही सफाई व्यवस्था जिले के सभी नगरीय निकायों में काम करने वाले प्लेसमेंट कर्मचारी 4 सूत्रीय मांगों को लेकर 3 से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। चार सूत्रीय प्रमुख मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी है। 40 प्लेसमेंट कर्मचारियों के हड़ताल में जाने से पहले से जिला मुख्यालय में सफाई व्यवस्था पूरी चरमरा गई है। कहीं भी तरह से कचरा उठा रहा है न ही सफाई हो रही है। इससे जगह-जगह गंदगी का आलम है। साथ ही जगह-जगह कचरा डंप किया जा रहा है। वैकल्पिक व्यवस्या के तहत रेगुलर कर्मचारियों से कही कहीं सफाई कराई जा रही थी। लेकिन नगरीय निकाय के रेगुलर कर्मचारियों ने भी मोर्चा खोल दिया है। अब 11 दिसंबर से 6 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल में जा रहे हैं। इससे पूरी तरह से सफाई सहित अन्य मूलभूत सुविधा पर ग्रहण लग जाएगा। शहर में किसी प्रकार का कोई काम नहीं हो पाएगा। नपा में सीएमओ के अलावा सभी कर्मचारी हड़ताल में चले जाएंगे। ना लगने की स्थिति उत्पन्न ऐसे में ताला लगने हो सकती है। कर्मचारियों का कहना है कि उनके हितों की रक्षा की जानी चाहिए। धरने पर बैठे कर्मचारियों का कहना है कि उनसे बातचीत के लिए अभी तक कोई भी कदम विभाग की ओर से नहीं उठाया गया है।
शहर में डोर टू डोर कचरा कलेक्शन का काम करने वाली महिला कर्मचारी भी अनिश्चितकालिन हड़ताल में चली गई है। उनके हड़ताल में जाने से शहर सहित जिले के सभी नगर पंचायत में सफाई व्यवस्था चरमरा गई है। डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन भी ठप हो गया है। महिलाएं अपने तीन सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं और राजधानी में प्रदर्शन कर रही हैं। मांग में कलेक्टर दर में वेतन, पीएफ राशि काटी जाए व सप्ताह में एक दिन की छुट्टी की मांग शामिल है। इसलिए घर से कचरा नहीं उठ पा रहा है। साथ ही मोहल्लेवासी अपने-अपने मोहले में ही कचरा को डंप कर रहे हैं। साथ ही नहर के आसपास के लोग यहां डाल रहे हैं। इसलिए जगह-जगह गंदगी का आलम है। इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों को कोई मतलब नहीं है। हड़ताल में चले जाने से शहर के अधिकांश स्ट्रीट लाइटें जल रही है। बाद काटने वाला कोई नहीं है. सुधा भी लाइटें जलती है अधिकांश प्लेसमेंट कर्मचारी 86 कर्मचारी हड़ताल में है। इसलिए पालिका ही इधर बिल में बढ़ोतरी हो रही है। इससे पालिका के अधिकारियो कोई मलतब नहीं है।