
जांजगीर-चांपा। जिला मुख्यालय जांजगीर स्थित नैला रेलवे फाटक आम लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। मुंबई-हावड़ा मुख्य ट्रेन रुट होने के कारण हर पंद्रह- बीस मिनट में फाटक बंद कर दिया जाता है। फाटक बंद होने के बाद यहां वाहनों की लंबी कतारें लग जाती है।
गौरतलब है कि जिला मुख्यालय जांजगीर के नैला रेलवे फाटक से प्रतिदिन सैकड़ों की तादाद में वाहनों की आवाजाही लगी रहती है। इस मार्ग पर बिलासपुर कोरबा आने जाने वाले लोगों की संख्या अधिक है, बावजूद इसके ओवरब्रिज निर्माण को लेकर किसी तरह का ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में रेलवे फाटक के बंद होने से वाहन
फाटक खुलने का इंतजार करते लोग
चालकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस संबंध में क्षेत्र के लोगों द्वारा रेलवे ओवरब्रिज निर्माण को लेकर कई बार उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है बावजूद इसके वाहन चालकों समेत आम लोगों की परेशानी जस की तस बनी हुई है। मुंबई-हावड़ा मुख्य मार्ग होने के कारण इस रूट पर बड़ी संख्या में ट्रेनों की आवाजाही होती है। इसके अलावा कोरबा से कोयला लेकर ट्रेनें भी इसी मार्ग से दूसरी प्रदेश को जाती है। इसके चलते देखे तो हर 20 मिनट के बाद फाटक बंद कर दिया जाता है, जिसके कारण इस मार्ग पर वाहनों की लाइन लगी रहती है। इस मार्ग के माध्यम से प्रतिदिन हजारों की तादाद में लोग बिलासपुर, कोरबा, चांपा, शिवरीनारायण, अकलतरा, बलौदा सहित अन्य प्रमुख मार्गों की ओर आवाजाही करते हैं। इसके अलावा कई वाहन चालक नियमों को ताक में रखकर फाटक बंद करने के दौरान भी रेलवे क्रॉसिंग पार करने की कोशिश करते हैं। कई बार तो इस के चक्कर में लोग हादसे का शिकार भी हो जाते हैं। इस तरह की कई घटनाएं सामने आ चुकी है।