
कोरबा। हत्या के प्रयास समेत कई मामलों में नामजद आरोपी रहे बुधवारी निवासी सूरज के दर्री क्षेत्र में पकड़े जाने के बाद उसकी मौत हो गई। पुलिस के द्वारा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल ले जाने पर पुलिस ने उसे ब्राड डेड घोषित कर दिया। परिजनों ने दूसरे दिन भी उसका शव लेने से इनकार कर दिया। उन्होंने कल 11 मांग रखी थी और आज उसमें तीन और नई मांग जोड़ दी।
हिस्ट्रीशीटर सूरज की मौत के बाद शव एक तरह से पुलिस के लिए टेंशन का कारण बना हुआ है। डॉक्टर के द्वारा शनिवार को शव का पोस्टमार्टम करने के साथ इसकी वीडियो ग्राफी कराई गई। एनएचआरसी की गाइडलाइन का ध्यान आया तो शुरुआती जांच करने वाले दर्री पुलिस थाना के तीन कर्मचारियों को सस्पेंड करने के साथ पुलिस लाइन अटैच कर दिया गया। इसके बाद अगला तमाशा शुरू हुआ। मृतक के परिजनों ने मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के नजदीक पोस्टमार्टम हाउस पहुंचकर मामले में सवाल उठाए। शाम का समय होने के कारण शव लेने से मना किया। अगले दिन उसे ले जाने की बात हुई। इससे पहले कई प्रकार के आरोप प्रत्यारोप मामले में हुए। 12 बिंदु का एक मेमोरेंडम पुलिस को दिया गया। पुलिस ने व्यावहारिक तौर पर इसे जांच में शामिल करने की बात कही। माना जा रहा था कि यह सब होने पर अगले दिन मामला शांत हो जाएगा। इधर आज सुबह मृतक के शव को ले जाने के लिए संबंधित ने कोई दिलचस्पी नहीं ली। बताया गया कि अब उन्होंने तीन और नहीं मांग जोड़ी है और दबाव बनाने का प्रयास किया। फिलहाल 14 प्रकरणों में नामजद सूरज का शव मरचुरी में रखा है। उसके हटने की प्रतीक्षा पुलिस कर रही है वही दूसरा पक्ष शव उठाने के लिए कई शर्तों को सामने रख रहा है। जानकार सूत्रों ने बताया कि लावारिस शव एक निश्चित स्थिति ताकि मर्चुरी में रखे जा सकते हैं। हालिया मामले में क्या किया जा सकता है इसके लिए मार्गदर्शन लिया जाएगा।