
पेरिस। फ्रांस में रविवार को संसदीय चुनाव के प्रथम चरण के मतदान में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के नेतृत्व वाले गठबंधन को बड़ा झटका लगा है। मैरीन ली पेन के नेतृत्व वाली अति दक्षिणपंथी नेशनल रैली पार्टी ने पहले चरण का चुनाव जीत लिया है लेकिन अंतिम चुनाव परिणाम सात जुलाई के मतदान के बाद आएगा।पेन ने कहा है कि राष्ट्रपति मैक्रों के नेतृत्व वाले गठबंधन का इस चुनाव में सफाया हो गया है। चुनाव पूर्व सर्वे में राष्ट्रवादियों की बढ़त का संकेत मिल गया था। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद अति दक्षिणपंथी दलों की यह सबसे बड़ी जीत हो सकती है। दो चरणों के चुनाव में अगला मतदान सात जुलाई को होगा। इस चुनाव का असर यूरोप के शेयर बाजार, यूक्रेन को पश्चिमी देशों के समर्थन और फ्रांस की परमाणु हथियारों के भंडार पर पड़ सकता है।फ्रांस में इस समय लोग महंगाई और उससे जुड़ी मुश्किलों से जूझ रहे हैं। वे राष्ट्रपति मैक्रों सरकार की अव्यावहारिक नीतियों से नाराज हैं। ऐसे में मैरीन ली पेन की आव्रजन विरोधी नेशनल रैली पार्टी ओपीनियन पोल में बाजी मारती दिख रही है।प्रथम चरण के चुनाव में यह बात साबित भी हो गई है। चुनाव में राजनीतिक दलों का गठबंधन न्यू पोपुलर फ्रंट भी मैक्रों के लिए चुनौतियां खड़ी कर रहा है। फ्रांस में करीब पांच करोड़ मतदाता नेशनल असेंबली के 577 सदस्यों का चुनाव करेंगे।
नेशनल असेंबली फ्रांस की संसद का प्रभावशाली निचला सदन है।रविवार को हुए मतदान में समय पूरा होने से तीन घंटे पहले ही 59 प्रतिशत मतदाता वोट डाल चुके थे। मतदान का यह प्रतिशत पिछले चुनाव में प्रथम चरण के मतदान के प्रतिशत से अधिक था।विश्लेषकों का मानना है कि ज्यादा मतदान का अर्थ लोग वर्तमान स्थिति से डरकर बदलाव के लिए वोट डाल रहे हैं। ऐसे में दक्षिणपंथी नेशनल रैली पार्टी को लाभ हो सकता है। मतदान के कुछ घंटे बाद मतगणना शुरू हो गई थी।