कोलकाता, १० दिसम्बर ।
बंगाल के शहरी क्षेत्रों में अब प्रत्येक पांच साल में 10 प्रतिशत संपत्ति कर बढ़ेंगे। संपत्ति के मूल्यों में भी अब से हर पांच साल में सालाना 10 प्रतिशत की वृद्धि मानी जाएगी। ऐसे में उसी अनुपात में हर पांच साल में 10 प्रतिशत की वृद्धि के साथ संपत्ति कर का भी भुगतान करना पड़ेगा। इस नियम को लागू करने के लिए सोमवार को राज्य विधानसभा से दो विधेयकों- पश्चिम बंगाल नगर निगम संशोधन विधेयक 2024 और पश्चिम म्युनिसिपल (संशोधन) विधेयक, 2024 को चर्चा के बाद ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। विपक्षी भाजपा के विधायकों ने दोनों संशोधन विधेयक का विरोध किया। राज्य के शहरी विकास व नगरपालिका मामलों के मंत्री फिरहाद हकीम ने इन दोनों विधेयकों को सदन में पेश किया।विधेयक पारित होने से पहले सदन में चर्चा का जवाब देते हुए मंत्री हकीम ने दावा किया कि टीएमसी सरकार ने पिछले वाममोर्चा शासन के दौरान राज्य की नगर पालिकाओं में मौजूद इंस्पेक्टर राज को खत्म कर दिया है। उन्होंने कहा कि वाममोर्चा शासन के दौरान संपत्ति कर (टैक्स) बिल तैयार करने के लिए घर-घर की तलाशी ली जाती थी, जिससे कई बार अनुचित व्यवहार और इंस्पेक्टर राज को बढ़ावा मिलता था। उन्होंने कहा कि इसका समाधान करने और संपत्ति मूल्यांकन में पारदर्शिता और निष्पक्षता लाने के लिए टीएमसी सरकार एक डिजिटल सर्वेक्षण ऐप पेश करेगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह ऐप विसंगतियों को कम करेगा और नागरिकों को अपने स्वयं के कर आकलन का सुझाव देने की अनुमति देगा, जिसे फिर वैल्यूएशन बोर्ड के समक्ष सुनवाई के दौरान सत्यापित किया जाएगा। अंतिम निर्णय प्रशासन द्वारा किया जाएगा। हकीम ने कहा कि हमारी सरकार लोगों पर भरोसा करती है। हम हर चीज से ज्यादा मानवता में विश्वास करते हैं। हकीम ने केंद्र सरकार पर राज्य के लिए जरूरी फंड आवंटित नहीं करने का भी आरोप लगाया और दावा किया कि वित्तीय संकट के बावजूद राज्य ने अपने विकास प्रयासों को जारी रखा है।
उन्होंने दावा किया कि बंगाल का जीडीपी राष्ट्रीय औसत से अधिक है, जो शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में महत्वपूर्ण विकास को दर्शाता है।हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि तेजी से शहरीकरण के कारण खाली टैंकों में पानी जमा होने के कारण कुछ ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में डेंगू का प्रकोप बढ़ा है। उन्होंने दावा किया कि राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने स्थिति को सफलतापूर्वक संभाला है। विपक्षी भाजपा विधायकों द्वारा विधेयक का विरोध करने के सवाल पर हकीम ने कहा कि हमें समय बीतने के साथ कानूनों को अपडेट करना चाहिए। हम तर्कसंगतता में विश्वास करते हैं। भाजपा विधायक अरूप कुमार दास ने संशोधन विधेयकों में कुछ बदलाव का सुझाव दिया, लेकिन हकीम ने जवाब दिया कि मैंने संशोधन मसौदे की समीक्षा की है। भाजपा विधायक द्वारा सुझाए गए किसी भी बदलाव की आवश्यकता नहीं है। विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।
नियमानुसार हर पांच साल में संपत्ति का मूल्य निर्धारित किया जाता है। वैल्यूएशन बोर्ड राज्य के सभी शहरी क्षेत्रों में संपत्ति का मूल्य निर्धारित करता है। उस प्रक्रिया के अनुसार हर पांच साल में वार्षिक किराया मूल्य (एआरवी) तय किया जाता है। जिसके आधार पर नगर निगम अधिकारी संपत्ति पर टैक्स लेते हैं। संशोधित कानून के अनुसार, अगर पांच साल में कीमत तय नहीं हुई तो भी एआरवी पिछले मूल्य से दर 10 प्रतिशत बढ़ जाएगी।