कोलकाता। कोलकाता के आरजी कर कांड के खिलाफ आंदोलन कर रहे बंगाल के जूनियर डॉक्टरों और राज्य सरकार के बीच गतिरोध बुधवार को भी जारी रहा। राज्य सरकार ने 34 दिनों से जारी हड़ताल खत्म कराने के लिए जूनियर डॉक्टरों को फिर राज्य सचिवालय में शाम को बातचीत के लिए आमंत्रित किया था लेकिन डॉक्टर नहीं पहुंचे। मुख्य सचिव मनोज पंत द्वारा भेजे गए ईमेल के जवाब में जूनियर डॉक्टरों ने प्रस्ताव को ठुकराते हुए पांच नई शर्तें रख दी। जिसमें मृतका के लिए न्याय और पुलिस आयुक्त समेत तीन वरिष्ठ अधिकारियों को हटाने तथा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मौजूदगी में बैठक और इसका सीधा प्रसारण करने की मांग शामिल है। मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने जूनियर डॉक्टरों को मंगलवार शाम पांच बजे तक काम पर लौटने की समयसीमा दी थी, लेकिन वह नहीं लौटे। बल्कि स्वास्थ्य सचिव और स्वास्थ्य शिक्षा निदेशक के इस्तीफे की मांग पर कोलकाता में स्वास्थ्य भवन के सामने मंगलवार शाम से धरने पर बैठ गए हैं।
भाजपा विधायक को देख चिकित्सकों ने गो बैक के नारे लगाए
भाजपा विधायक अग्निमित्रा पाल को देख आंदोलनकारी चिकित्सकों ने गो बैक के नारे लगाए। उधर, राज्य सरकार ने साफ कर दिया है कि शर्तें रखकर कोई बातचीत नहीं हो सकती। शाम में राज्य सचिवालय में पत्रकारों से बातचीत में स्वास्थ्य राज्यमंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य और मुख्य सचिव मनोज पंत ने स्पष्ट कहा कि राज्य सरकार डॉक्टरों से खुले मन से बातचीत करना चाहती है। जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि हमलोग बंद कमरे में नहीं बल्कि मीडिया के सामने बातचीत चाहते हैं। साथ ही कहा कि सीएम से बातचीत के लिए हम लोग अपने 30 प्रतिनिधि भेजना चाहते हैं, जिसमें राज्य के 26 मेडिकल कालेजों में से प्रत्येक से एक प्रतिनिधि शामिल हो।
पीडि़ता के माता-पिता भी प्रदर्शन में हुए शामिल
पीडि़ता के माता-पिता भी मंगलवार आधी रात में स्वास्थ्य भवन के सामने धरने में शामिल हुए। कहा कि वह जूनियर डॉक्टरों के आंदोलन के साथ खड़े हैं। मृतका के पिता ने कहा कि वह यह फैसला लोगों पर छोड़ रहे हैं कि पैसे की पेशकश को लेकर मुख्यमंत्री सच कह रही हैं या नहीं। ममता बनर्जी ने पीडि़ता के परिवार को पैसे की पेशकश की बात को खारिज कर चुकी हैं। मशहूर अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती विरोध मार्च में टूटे हाथ पर प्लास्टर लगाए हुए शामिल हुए।