नईदिल्ली, 0८ जनवरी ।
बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट कोर्ट 15 जनवरी को सुनवाई करेगा। राज्य के सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में 25,753 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति को अमान्य घोषित करने के कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश को विभिन्न याचिकाओं के माध्यम से चुनौती दी गई है। प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने मंगलवार को सुनवाई शुरू होते ही कहा कि उसके सामने दो विकल्प हैं, तीन जजों की पीठ मामले की फिर से सुनवाई करे या इसे दो जजों की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए। मामले में पिछली सुनवाई उसी दिन हुई थी। वकीलों की दलीलों पर गौर करते हुए प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि मामले की सुनवाई 15 जनवरी को दोपहर दो बजे दो जजों की पीठ द्वारा की जाएगी। उस पीठ में प्रधान न्यायाधीश और जस्टिस संजय कुमार होंगे। सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार द्वारा दायर याचिका सहित कुल 124 याचिकाएं लंबित हैं।
वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल में 2010 से कई जातियों को दिए गए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) दर्जे को रद करने के कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई मंगलवार को 28 और 29 जनवरी तक टाल दी है। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस आगस्टीन जार्ज मसीह की पीठ ने इस बात पर गौर करते हुए सुनवाई को स्थगित कर दिया कि इस मसले पर विस्तृत सुनवाई की आवश्यकता है।सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने मामले में अपना हलफनामा दायर किया है। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने बंगाल सरकार की ओर से पैरवी की। सुप्रीम कोर्ट ने पहले कहा था कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता है।