
बिश्रामपुर। एसईसीएल भटगांव क्षेत्र के अधिकारियों की लापरवाही की वजह से तीन भूमिगत कोयला खदान बंद होने की स्थिति में हैं। इस पर चिंता जाहिर करते हुए श्रमिक संगठन एचएमएस ने कंपनी के सीएमडी को पत्र लिखकर कारगर कार्रवाई करने की मांग की है। आरोप है कि प्रबंधकीय उदासीनता के कारण ही पूर्व में भटगांव क्षेत्र की पांच कोयला खदानें बंद हो चुकी हैं। उक्त सिलसिले में एचएमएस के भटगांव क्षेत्र के महामंत्री तेजबहादुर सिंह के पत्र का हवाला देते हुए कोलइंडिया के जेबीबीसीआई मेंबर व कोयला मजदूर सभा के केंद्रीय महामंत्री नाथूलाल पांडेय ने एसईसीएल के सीएमडी को पत्र लिखकर मामले में चिंता व्यक्त करते हुए वैधानिक कार्रवाई की मांग की है। एचएमएस के क्षेत्रीय महामंत्री तेजबहादुर सिंह ने एसईसीएल के सीएमडी को लिखे पत्र में बताया है कि आप भी इस बात से अवगत है कि संबंधित क्षेत्रीय जिम्मेदार अधिकारियों की हठधर्मिता व निष्क्रियता के कारण भटगाँव क्षेत्र बुरे दौर से गुजर रहा है। यही वजह है कि लंबे समय तक उत्पादन में अव्वल रहते हुए भारी मुनाफा अर्जित करने वाला भटगाँव क्षेत्र वर्तमान में अस्तित्व बचाने के संकट से जूझ रहा है। कथित जिम्मेदार अफसरों की हठधर्मिता के कारण भटगाँव क्षेत्र की 5 कोयला खदानें बन्द हो चुकी हैं। बन्द हुई खदानों में क्षेत्र की दुग्गा ओपन कास्ट परियोजना समेत महान एक व महान दो ओपन कास्ट परियोजना, कल्याणी भूमिगत परियोजना एवं महामाया भूमिगत परियोजना शामिल है। बंद कर दी गई कोयला खदानों में अभी भी लाखों टन कोयला भंडारित है। आप भी भटगाँव क्षेत्र के प्रवास पर उक्ताशय से अवगत होने के बाद महाप्रबन्धक को निर्देश दिया था कि बंद खदानों के शेष बचे कोयले का उत्पादन करें, लेकिन आपके निर्देश के बावजूद आज पर्यंत नतीजा सिफर रहा। सीएमडी को प्रेषित पत्र में बताया गया है कि भटगाँव क्षेत्र की नवापारा भूमिगत खदान समेत भटगाँव भूमिगत खदान तथा शिवानी भूमिगत खदान वन व पर्यावरणीय स्वीकृति एवं सीटीओ के अभाव में बंदी की कगार पर हैं। नवापारा भूमिगत परियोजना में करीब छह सौ कामगार कार्यरत है। सीटीओ के अभाव में आगामी 31 दिसंबर से यह खदान बन्द हो जाएगी। वहीं भटगाँव खदान में नौ सौ कामगार कार्यरत है। यह खदान भी वन व पर्यावरणीय स्वीकृति के अभाव में छह माह में बंद हो जाएगी। इस प्रकार बताया गया है कि शिवानी भूमिगत परियोजना में कंटीन्यूअस माइनर मशीन लगाने की कार्रवाई की जा रही है लेकिन वहां भी वन एवं पर्यावरणीय स्वीकृति नहीं होने के कारण इस खदान के भी बंद होने की संभावना है। ऐसी स्थिति निर्मित होने की संभावना से सैकड़ो कोयला कामगार विस्थापन की संभावना से आशंकित हैं। एचएमएस क्षेत्रीय महामंत्री ने कंपनी के सीएमडी से मांग की है कि भटगांव क्षेत्र की कोई भी खदान बंद ना हो और क्षेत्र की प्रस्तावित महामाया ओपन कास्ट परियोजना तथा मदननगर ओपन कास्ट परियोजना को जल्द से जल्द प्रारंभ करने की दिशा में कारगर पहल की जाए, ताकि सैकड़ो कोयला कामगारों का विस्थापन का दंश ना झेलना पड़े। संगठन के भटगांव क्षेत्रीय महामंत्री के पत्र का हवाला देते हुए कोयला मजदूर सभा के केंद्रीय महामंत्री व कोल इंडिया जेबीसीसीआई मेंबर नाथूलाल पांडेय ने भी एसईसीएल के सीएमडी को पत्र लिखा है। पत्र में कहा है कि मुद्दा गंभीर है और जिम्मदार क्षेत्रीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण पूर्व में भटगांव क्षेत्र की पांच खदानें बन्द हो चुकी हैं। अब वन व पर्यावरणीय स्वीकृति और सीटीओ के अभाव के कारण नवापारा, भटगांव कोलियरी और शिवानी भूमिगत खदान बंद होने की कगार पर है। ऐसी स्थिति में भटगांव एरिया को उत्पादन लक्ष्य प्राप्त करने में दिक्क्त होगी। श्रमिकों में भी असंतोष है। एचएमएस नेता ने सीएमडी से पर्यावरणीय स्वीकृति और सीटीओ प्राप्त करने हस्तक्षेप करने कहा है, ताकि खदानों का संचालन सुचारू रूप से हो सके।