कोरबा। अक्सर आम बजट वर्तमान परिस्थितियों को देखकर बनाया जाता है।वर्तमान परिस्थिति मे कठिन तथा व्यवहारिक निणर्य लेने की आवश्यकता थी लेकिन बजट में ऐसा नहीं किया गया।देश की सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी है लेकिन सरकार बजट मे इससे निपटने के ठोस उपाय बताने मे असफल रही वहीं बढ़ती मंहगाई को काबू करने के मोर्चे मे सरकार पूरी तरह मात खा गई है वहीं वित्त मंत्री ने बजट मे आयकर ढ़ांचे मे बदलाव कर मध्य वर्ग को राहत दी गई है वो ठीक है इसके साथ ही नौकरीपेशा की 12.75 लाख तक आयकर छूट सहरानीय है परंतु 52 करोड़ असंगठित मजदूरों के सामाजिक सूरक्षा के लिए इस बजट मे कुछ भी प्रावधान नहीं किया गया वहीं बजट मे देश मे छाई आर्थिक सुस्ती को सुधारने के लिए जो उपाय किए जाने चाहिए थे उन्हें पूरी तरह नजरअंदाज किया गया तथा विनिर्माण क्षेत्र जो सबसे ज्यादा रोजगार सृजन करते हैं उनको बढ़ावा देने के लिए कोई प्रावधान नही किया गया कुलमिलाकर यह बजट अपेक्षाओं की कसौटी पर पूणत: निराशाजनक है।